Narmada Illegal Sand Mining: नर्मदा नदी (Narmada River) को सहजने के लिए सरकार और उनके मंत्रियों द्वारा राजनीतिक-धार्मिक मंचों से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन असल में इन दावों का असर जमीन पर होता नहीं दिखाई देता है. अफसरों की लचर कार्यप्रणाली के चलते रेत माफिया (Sand Mafia) बैखोफ होकर नर्मदा नदी को छलनी करने में जुटे हुए हैं.

 

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण खनिज मंत्री विजतेंद्र प्रताप सिंह के प्रभार वाले जिले नर्मदापुरम और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभूराम चौधरी के गढ़ रायसेन में देखा जा सकता है. नर्मदापुरम (Narmadapuram) में रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध होने के बाद भी यहां धड़ल्ले से रेत का अवैध खनन हो रहा है.

 

राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले नर्मदापुर में रेत की खदानों पर प्रतिबंध लगा हुआ है, बावजूद यहां रेत का अवैध खनन का काम जारी है. ऐसा नहीं है कि रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की जानकारी खनिज विभाग के अधिकारियों को नहीं है. उनकी नाक के नीचे यह सब हो रहा है.

 

ठेका निरस्त, कंपनी ब्लैक लिस्टेड

बता दें बीते साल प्रदेश सरकार ने नर्मदापुरम में रेत ठेके निरस्त कर दिए थे. यह रेत के ठेके छत्तीसगढ़ की कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन के पास था. कंपनी द्वारा सरकार को किस्त जमा नहीं की थी, जिसके बाद कंपनी को बकायादा नोटिस दिया गया. नोटिस की भी कंपनी द्वारा अनदेखी की गई, जिससे सरकार ने एक्शन लेते हुए कंपनी का ठेका निरस्त करने के साथ ही उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया था. 

 

जारी है रेत का अवैध कारोबार

नर्मदापुरम में रेत के ठेके निरस्त होने के बावजूद रेत का अवैध उत्खनन जारी है. रेत का अवैध उत्खनन कर ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है. रेत से भरे ओवर लोड डंपर जहां हादसों का सबब बन रहे हैं तो वहीं सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. नर्मदापुरम से रेत भरकर यह डंपर राजधानी भोपाल, विदिशा, बैरासरिया, देवास, इंदौर सहित अन्य शहरों की तरफ जा रहे हैं. 

 

नर्मदा के करबला-खर्राघाट, डोंगरवाड़ा, बरंडुआ, पुलघाट-खोजनपुर, ग्राम रायपुर, मालाखेड़ी, बांद्राभान, सांगाखेड़ा पुल, निमसाडिय़ा और तवा पुल के आसपास रेत का अवैध खनन जारी है.