Madhya Pradesh News: मंगलवार को पूरे देश में नागपंचमी (Nagpanchami) बड़े धूमधाम से मनाई गई. मदिरों मे श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. वहीं मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिले में स्थित पचमढ़ी के जंगलों में नागद्वार देव स्थान के दर्शन करने लोग पहुंच रहे हैं. यहां पहुंचना आसान नहीं था. इस स्थान तक पहुंचने के लिए खतरनाक 7 पहाड़ों की चढ़ाई और बारिश में भीगे घने जंगलो में 12 किलोमीटर का दुर्गम रास्ता पार कर पहुंचना होता है. बारिश में यह रास्ता और अधिक खतरनाक हो जाता है पर इन सब कठिनाइयों पर आस्था भारी है और लाखों लोग नागद्वार देवस्थान के दर्शन करने पचमढ़ी के नागद्वारी स्थान पर जा रहे हैं. मान्यता है कि जो लोग नागद्वार जाते हैं उनकी मांगी गई मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.
4 लाख लोग कर चुके हैं दर्शन
पिछले 10 दिन से नागपंचमी तक नागद्वारी दर्शन के लिए 4 लाख लोग यहां पहुंचकर दर्शन कर चुके हैं. गौरतलब है कि हिल स्टेशन और पर्यटन स्थल पचमढ़ी के प्रसिद्ध नागद्वारी मेला में नागपंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन स्तर से व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह स्वयं मेला की मानिटरिंग करते रहे.
23 जुलाई से 3 अगस्त तक मेला
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेला स्थल पर यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इस बात का विशेष ध्यान रखा गया था. यह मेला 23 जुलाई से 3 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है जिसमें मुख्य रूप से नागपंचमी पर भारी भीड़ रहती है. तीन दिन से बारिश होने के बाद भी यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी गई. नागद्वार यात्रा करने वाले यात्रियों की ठहरने से लेकर दवाईयों के शिविर की व्यवस्था मेला स्थल पर की गई जिसके लिए चौबीस घंटे मेडिकल टीम विभिन्न पॉइंट्स पर तैनात रही थी. मेले में 23 अगस्त से लेकर अभी लगभग 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं.
क्या थीं व्यवस्थाएं
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरकरन सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नागद्वारी मार्ग पर मेला से पूर्व ही ट्रैकिंग कर निरीक्षण करने के साथ ही एडीएम. जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, तहसीलदारों सहित अन्य अनेक अधिकारियों को अलग-अलग व्यवस्था के लिए तैनात किया है. नागद्वारी यात्रा के लिए सभी 9 स्थानों पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित पटवारी एवं सुरक्षा के लिए टीआइ एवं एसआइ स्तर के अधिकारी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए होमगार्ड एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहीं. नागद्वारी यात्रा के प्रथम स्थान नागफनी से नागद्वार तक कदम कदम तक अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया था. पेयजल से लेकर ठहरने के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.