MP 5th Regional industrial Conclave: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को लेकर 4000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. इस इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में नर्मदा पुरम, हरदा और बैतूल जिले में औद्योगिक निवेश आने की बड़ी संभावना है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में यह छठा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने वाला है.
मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए सरकार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर रही है जो कि संभागीय मुख्यालय पर आयोजित हो रहा है. इसके पहले उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित पांच संभागीय मुख्यालय पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किया जा चुके हैं. अब 7 दिसंबर को नर्मदा पुरम में संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन आईटीआई परिसर में आयोजित किया जाएगा, जिसे लेकर तैयारियां हो चुकी है.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुताबिक नर्मदा पुरम के औद्योगिक क्षेत्र को 448 हेक्टेयर और भी बढ़ा दिया गया है, जहां पर बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकेगी. सबसे बड़ी बात है कि इस आयोजन में 7000 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. नर्मदा पुरम में पर्यटन, कृषि और मीनिंग को लेकर फोकस किया जा रहा है.
कृषि के मामले में अव्वल है नर्मदापुरम संभाग
मध्य प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अग्रणी संभागों में नर्मदा पुरम का नाम भी सबसे ऊपर आता है. नर्मदा किनारे बसे नर्मदा पुरम संभाग में पानी की कोई कमी नहीं है. इसी के चलते नर्मदा पुरम, हरदा, बैतूल आदि जिलों में किसान काफी संपन्न और कृषि के क्षेत्र में काफी तरक्की कर चुके हैं. यही वजह है कि कृषि के क्षेत्र में भी सरकार औद्योगिक विकास चाहती है. उदाहरण के लिए आलू उत्पादन होने पर क्षेत्र में चिप्स और आलू से बनने वाले उत्पादों की बड़ी इंडस्ट्रीज की संभावना है. सरकार फूड इंडस्ट्रीज को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में काम कर रही है.
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को लेकर राजनीति
सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को लेकर राजनीति भी लगातार बयानबाजी के माध्यम से हो रही है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि सरकार का ध्यान नहीं होने की वजह से पुराने उद्योग दम तोड़ रहे हैं. राइस मिल संचालकों के पूरे हाल है ऐसी स्थिति में सरकार नए उद्योगों की स्थापना के बड़े दावे कर रही है.
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