Madhya Pradesh News: सरकार द्वारा पात्र लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने को लेकर आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनवाया जा रहा है. इसके लिए सरकारी टीम गांव में कैंप लगाकर काम कर रही है. वहीं, नर्मदापुरम (Narmadapuram) के सिवनी मालवा (Seoni Malwa) इलाके के आदिवासी ग्रामीण आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं. इसी के साथ, सामरधा पंचायत में आयुष्मान कार्ड के रजिस्ट्रेशन को लेकर सरकारी कर्मचारियों को भी अपनी जान से खेलना पड़ रहा है. 


पहाड़ी पर हो रहा रजिस्ट्रेशन
ग्राम पंचायत सामरधा के आठ गांवों में नेटवर्क की खासा दिक्कत है. इसके चलते आयुष्मान कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करा आई टीम ने जंगल में एक किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर नेटवर्क खोजा है. इस जगह पर बैतूल का नेटवर्क मिलता है. अब इस स्थिती में टीम ग्रामीण आदिवासियों को गांव से दूर पहाड़ी पर बुला रही है जहां नेटवर्क की उपलब्धता से आयुष्मान कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है.


10 मिनट के काम में दो घंटा
टीम के पास सामरधा पंचायत से 1072 आयुष्मान कार्ड फीडिंग कर बनाने का लक्ष्य है. टीम का मानना है कि यह लक्ष्य सामान्य स्थिति में 8 से 10 दिनों में पूरा किया जा सकता है पर इस क्षेत्र में यह लक्ष्य एक से डेढ़ माह में पूरा किया जा सकेगा. असल में जिस पहाड़ी पर बैतूल जिले का नेटवर्क मिल रहा है वहां भी नेटवर्क कमजोर है. इसकी वजह से जो काम 10 मिनट में पूरा होना चाहिए वह पहाड़ी पर एक से दो घंटे में पूरा हो रहा है. ऐसे में कार्ड बनाया जाना बेहद कठिन है.


गांव वालों की जान जोखिम में
आयुष्मान कार्ड बनाये जाने को लेकर टीम तो अपने स्तर पर कार्ड रजिस्ट्रेशन के लिए प्रयास कर रही है लेकिन अधिकारियों को सूचित किये जाने के बाद भी टीम को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. इसकी वजह से टीम और आदिवासी परिवारों को जान जोखिम में डाल कर एक किलोमीटर ऊंची पहाड़ी पर आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए जाना पड़ रहा है .


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