उज्जैन: यह खबर अपने आप में चौंकाने वाली है कि मध्य प्रदेश के दतिया में एक मदरसे में 30 फीसदी से ज्यादा हिंदू विद्यार्थी तालीम हासिल कर रहे थे. इस बात की जानकारी जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लगी तो उन्होंने दतिया कलेक्टर को नोटिस जारी कर विद्यार्थियों को तुरंत स्कूल में भर्ती कराने के निर्देश जारी किए हैं. 


कितने बच्चे पढ़ते हैं मदरसे में


दतिया के अरबिया मदरसे में 68 बच्चों का दाखिला है. इनमें से 26 विद्यार्थी हिंदू हैं, जिनमें बालिकाएं भी शामिल हैं. इस बात की जानकारी जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लगी. आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दतिया के कलेक्टर संजय कुमार को नोटिस जारी किया है. अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के मुताबिक दतिया कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए हिंदू विद्यार्थियों को तुरंत स्कूल में दाखिला कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.


बताया जाता है कि मदरसा में कक्षा आठवीं तक संचालित होता है. यहां पर उर्दू के अलावा अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता दी गई है जबकि मातृभाषा हिंदी को तीसरे नंबर पर है.नोटिस मिलने के बाद प्रशासनिक अमला भी सक्रिय हो गया है.बताया जाता है कि शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम जांच करने के लिए पहुंचेगी. इस पूरे मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को रिपोर्ट सौंपी जाना है. 


मदरसा संचालक ने दी सफाई


वहीं अरबिया मदरसा संचालित करने वाले मोहिन खान ने सफाई देते हुए कहा कि उनके मदरसे के आसपास कोई प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय नहीं है.इस वजह से  गरीब परिवार के विद्यार्थी यही शिक्षा ग्रहण करने के लिए आ रहे हैं.जब बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने मदरसे में निरीक्षण किया था, उस समय एक भी विद्यार्थी मौजूद नहीं था.पूरा मदरसा दो कक्ष में संचालित हो रहा है. 


विद्यार्थियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनों के मुताबिक जब तक विद्यार्थी के अभिभावक नहीं चाहते हैं, तब तक विद्यार्थियों को दूसरे मजहब की तालीम नहीं दी जा सकती है.यह विद्यार्थियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है.इसी वजह से पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी गई है.