Indore News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 3 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 इंदौर में एनईपी की खूबियों, उपलब्धियों, वर्तमान स्वरूप और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की गई. इंदौर में नई शिक्षा नीति पर बात करते हुए केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके बेदुये ने बताया कि तीन, चार और पांच साल से अधिक उम्र के छात्रों के लिए कक्षाओं के लिए बालवाटिका सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है.


बालवाटिका (प्रारंभिक कक्षा) 2022-2023 के शैक्षणिक सत्र में 49 केंद्रीय विद्यालय स्कूलों में खोली गई थी. उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 8 और उससे ऊपर के छात्रों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता को एक व्यावसायिक विषय के रूप में पेश किया गया है.


विद्यालय के प्राचार्य पीके बेदुये ने बताया कि नई शिक्षा नीति किस प्रकार विद्यार्थियों, समाज और राष्ट्र के उत्थान में सकारात्मक भूमिका अदा करेगी. उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आने वाले शैक्षणिक, तकनीकी और विद्यालयीन परिवर्तनों की जानकारी भी दी. देशभर में 24 राज्य एवं संघ शासित क्षेत्रों में स्थित 49 KV में कुल 5,477 विद्यार्थी नामांकित हैं, जहां विद्यार्थियों के लिए बालवाटिका कक्षाएं उपलब्ध है.


कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष
नई शिक्षा नीति-2020 के तहत पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु जो पहले 5 पांच वर्ष थी, वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में बढ़ाकर 6 कर दी गई थी. तत्पश्चात् केंद्रीय विद्यालयों में `बालवाटिका` नाम से प्री-केजी, एलकेजी और यूकेजी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं.


केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अक्टूबर 2022 को शिक्षा के नींव चरण ((Foundational Stage) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और देश भर में ‘बालवाटिका 49 केंद्रीय विद्यालयों’ की पायलट परियोजना की शुरुआत की थी, जिसके जरिए स्कूलों में समावेशी और खुशहाल स्कूली वातावरण तैयार करना है. 


पत्रकारों से चर्चा में जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास द्वारा प्राचीन भारत वर्ष की शिक्षा व्यवस्था, नई शिक्षा नीति के आ यामों पर विस्तृत रूप में प्रकाश डाला गया. नवोदय विद्यालय मानपुर के प्राचार्य ओपी शर्मा द्वारा नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं को समझाया गया.


केंद्रीय विद्यालय संगठन एवं केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 इंदौर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वयन पिछले तीन वर्षों में किया गया है. नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन किस प्रकार आगे संभव होगा, उस पर विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई. 


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