MP News: महाभारत पर अमर्यादित टिप्पणी की मिली सजा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार को हटाया गया
Mahabharata Controversy: मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के एक अधिकारी ने धर्म ग्रंथ की गलत व्याख्या करके विवाद पैदा कर दिया था. इस मामले में ABVP भी धरना-प्रदर्शन कर रही थी.
MP News :पिछले छह महीने से लगातार विवादों में चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (National Institute of Mental Health Rehabilitation) के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक (Muhhamad Ashfaq) की सेवाएं आखिरकार समाप्त कर दी गई हैं. मोहम्मद अशफाक की सेवा खत्म करने के आदेश राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के डायरेक्टर होनारेड्डी एन ने जारी किए हैं. पिछले साल मोहम्मद अशफाक ने सीहोर स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर ज्वाइन किया था.
मोहम्मद अशफाक को इस पद पर ज्वाइन किए पूरा एक साल भी नहीं हुआ कि उन्हें इस पद से हटा दिया गया है. पिछले छह महीने से मोहम्मद अशफाक लगातार विवादों बने रहे. इन्हीं विवादों के चलते उन्हें इस पद से हटाया गया है. डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक धार्मिक ग्रंथ महाभारत पर गई टिप्पणी के बाद से ही विवादों में थे. डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक ने अपनी क्लास में महाभारत को विकलांगों की कथा कहा था, इसे लेकर एनआईएमएचआर के छात्रों ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी.
एबीवीपी ने किया था प्रदर्शन
वहीं, इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था और दो महीने तक लगातार अभियान चलाकर विरोध जताया था. हालांकि बाद में परीक्षा के चलते एबीवीपी ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था. एबीवीपी ने आंदोलन को विद्यार्थियों की जीत बताया है. एनआईएचएचआर के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक को हटाने के लिए एबीवीपी ने 14 मार्च से आंदोलन की शुरुआत की थी. आंदोलन की इसी श्रंखला में 12 मई को एबीवीपी ने अनिश्चकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था. 15 मई को डिप्टी रजिस्ट्रार के गुमशुदा होने के पोस्टर लगाए गए थे. 16 मई को उनकी सीट पर पोस्टर चिपकाकर उस पर कालिख पोत दी गई थी और पुतले भी जलाए गए थे. जबकि 17 मई में विद्यार्थियों की परीक्षा को देखते हुए अनिश्चिकालीन हड़ताल स्थगित कर दी गई थी.
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