Madhya Pradesh News: विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान जहां पर मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा का एक साथ आशीर्वाद मिलता है. मान्यताओं के अनुसार टेकरी पर विराजमान मां चामुंडा और मां तुलजा भवानी की प्रतिमा स्वयंभू है. मध्य प्रदेश के देवास का यह स्थान देश भर के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. नवरात्रि पर्व के दौरान 5 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन माता का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं.
500 साल पुरानी प्रतिमा
देवास शहर से 750 मीटर ऊपर टेकरी पर प्रसिद्ध मां चामुंडा और मां तुलजा भवानी का मंदिर है. कई हेक्टेयर में फैला यह इलाका करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. श्रद्धालुओं के बीच विश्वास है कि जो मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा के दरबार में पहुंचा उसकी झोली खाली नहीं रही. यहां पर नाथ संप्रदाय की पूजा का प्रावधान है. मंदिर के तुलजा भवानी मंदिर के पुजारी मुकेश नाथ के मुताबिक दोनों प्रतिमाओं का इतिहास 5000 साल पुराना है. यहां पर सम्राट विक्रमादित्य और राजा भतृहरि ने भी माता की आराधना की है.
माता आपस में बहनें हैं
पुजारी मुकेश नाथ के मुताबिक मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा आपस में बहने हैं. विश्व में एकमात्र मंदिर है, जहां पर दोनों माताओं का एक साथ आशीर्वाद मिलता है. माता के मंदिर में आराधना से सुख-शांति, वैभव धन-धान्य के साथ-साथ संतान सुख का आशीर्वाद भी मिलता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी हुई है. यही वजह है कि नवरात्र पर्व के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं.
धरती में समा गई थी मां तुलजा भवानी
मंदिर के पुजारी मुकेश नाथ के मुताबिक मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा माता टेकरी के दो अलग-अलग छोर पर विराजमान है. मान्यताओं के अनुसार मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा ने यहां पर बालिका के रूप में दर्शन दिए थे. जब मां तुलजा भवानी धरती में समा रही थी उस समय देवताओं के आग्रह पर वे रूक गई. इस तरह मां तुलजा भवानी के ऊपरी भाग के यहां पर दर्शन होते हैं, जबकि मां चामुंडा के विशाल रूप के दर्शन भक्तों को होते हैं.
सैकड़ों सुरक्षाकर्मी करते हैं इंतजाम
माता की टेकरी पर पहुंचने का देवास शहर के कई क्षेत्रों से मार्ग है. यहां पर रोप-वे के माध्यम से भी टेकरी पर पहुंचा जा सकता है. नवरात्रि पर्व के दौरान यहां पर सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मियों मंदिर समिति के कर्मचारियों को तैनात किया जाता है. इसके अलावा समाजसेवी संस्थाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है.