Neemuch News: नीमच में रिश्वतखोर पटवारी और चौकीदार को तीन-तीन साल की सजा हुई है. अदालत ने पटवारी सुभाष सिंह और चौकीदार नूर खान को भ्रष्टाचार का दोषी पाया. दोनों को 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है. लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी और चौकीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया था. 2019 में किसान निलेश निवासी डीकेन से बंटवारे के एवज 18 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गयी थी.
फरियादी ने रिश्वत मांगने का आरोप पटवारी सुभाष सिंह चौकीदार नूर खान पर लगाया था. मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की गयी. लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन कराया. आरोप की पुष्टि होने पर दोनों को पकड़ने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाया. फरियादी को रकम के साथ भेजा गया. घात लगाये बैठी लोकायुक्त पुलिस की टीम ने इशारा पाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में गिरफ्तार कर लिया. डीएसपी लोकायुक्त बसंत श्रीवास्तव ने मामले की जांच की थी.
भ्रष्टाचार के दोषी पटवारी और चौकीदार
जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया. अदालत ने दोनों को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए तीन तीन साल की सजा और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया. लोकायुक्त डीएसपी बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि फरियादी ने बंटवारे के लिए आवेदन दिया था. पटवारी सुभाष सिंह ने चौकीदार नूर खान के साथ मिलकर फरियादी से 18 हजार रुपये की रिश्वत मांगी.
अदालत की तरफ से आया सख्त फैसला
लोक अभियोजक जगदीश चौहान ने बताया कि अदालत ने सबूत की बुनियाद पर बड़ा फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा कि सजा भ्रष्टाचार करने वालों के लिए मिसाल बनेगी. भ्रष्ट अधिकारी फरियादी को परेशान करने से बचेंगे. बता दें कि मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस का रिश्वतखोरी के खिलाफ अभियान जारी है. सरकारी अधिकारी और कर्मचारी लगातार पकड़े जा रहे हैं.
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