NEET Paper Leak: 'अब तक सिर्फ खानापूर्ति, नए सिरे से परीक्षा कराएं', नीट को लेकर कमलनाथ की केंद्र सरकार से मांग
NEET Controversy: नीट परीक्षा के नतीजों के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्षी कांग्रेस, बीजेपी पर लगातार हमले कर रही है और अब इस क्रम में कमलनाथ का भी बयान आया है.
MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) ने नीट परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. कमलनाथ ने कहा कि NEET परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार की अब तक की कार्रवाई खानापूर्ति जैसा है. कमलनाथ ने नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराने की भी मांग की है.
कमलनाथ ने रविवार को 'एक्स' पर पोस्ट डालते हुए बीजेपी पर हमला बोला तो वहीं अपनी कुछ मांगे भी रखीं. कमलनाथ ने कहा, ''NEET परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार की अब तक की कार्रवाई खानापूर्ति जैसी प्रतीत हो रही है. अब तक इतनी बात स्पष्ट हो चुकी है कि NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ था और सरकार ने जिस तरह से NTA के महानिदेशक को हटाया है और परीक्षा में हुई कुछ गड़बड़ियों की जांच CBI को सौंपी है उसे स्पष्ट है कि सरकार ने भी पेपर लीक होना स्वीकार कर लिया है.''
छात्रों को नहीं मिल रहा है न्याय - कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा, ''लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पेपर लीक होने से सबसे ज़्यादा नुक़सान उन अभ्यर्थियों का हुआ है जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे. सरकार की अब तक की कार्रवाई से अन्याय का शिकार हुए इन छात्रों को कोई भी न्याय मिलता प्रतीत नहीं होता. हो सकता है कि सरकार की कार्रवाई से परीक्षा में धांधली करने वाले कुछ लोग क़ानून के शिकंजे में आ जाएं.''
NEET परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार की अब तक की कार्रवाई खानापूर्ति जैसी प्रतीत हो रही है. अब तक इतनी बात स्पष्ट हो चुकी है कि NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ था और सरकार ने जिस तरह से NTA के महानिदेशक को हटाया है और परीक्षा में हुई कुछ गड़बड़ियों की जांच CBI को सौंपी है उसे स्पष्ट है…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 23, 2024
परीक्षा रद्द कर नए सिरे से कराएं - कमलनाथ
कमलनाथ ने आगे चिंता जाहिर करते हुए कहा, ''लेकिन इससे उन छात्रों को कोई फ़ायदा नहीं होगा जो योग्य होने के बावजूद NEET परीक्षा में सफल नहीं हो सके. इन अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने का एक ही तरीक़ा है कि NEET की परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से आयोजित किया जाए. सरकार को इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने के बजाय अभ्यर्थियों को न्याय देने का प्रश्न बनाना चाहिए और नए सिरे से परीक्षा करानी चाहिए.''
अब तक इस मामले में एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया गया है जिसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है. जबकि जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स मिले थे, उनकी परीक्षा भी दोबारा कराई जा रही है.
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