MP: भिंड प्रशासन की फिर लापरवाही, मुक्तिधाम नहीं होने पर त्रिपाल की मदद से करना पड़ा अंतिम संस्कार
Bhind News: शर्मसार कर देनेवाली तीनों घटनाओं के बाद भी भिंड जिला प्रशासन गंभीर नहीं हुआ. एक बार फिर परिजनों को आसमान के नीचे महिला का अंतिम संस्कार करने को मजबूर हुए.
MP News: भिंड जिले में प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है. मुक्तिधाम नहीं होने के चलते बुजुर्ग महिला का खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार कराया गया. अर्थी को बारिश से बचाने के लिए त्रिपाल का सहारा भी लोगों को लेना पड़ा. नौधनी गांव में आज 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला फूला देवी की मौत हो गई. बीती रात से हो रही बारिश के चलते दाह-संस्कार का संकट सामने खड़ा हो गया. परिजनों ने त्रिपाल मंगवाकर अंतिम क्रिया की तैयारी की. अंतिम संस्कार में पहुंचे लोगों ने त्रिपाल के सहारे बारिश से खुद को बचाया.
खुले आसमान के नीचे महिला का अंतिम संस्कार
ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार जिला प्रशासन की तरफ से लगाए गए शिविरों में मुक्तिधाम बनवाने की मांग की गई. लगातार दूसरी बार सरपंच बने दयाशरण खरे से भी गुहार लगाई गई. लेकिन किसी के कानों तक जूं नहीं रेंगी. उसका नतीजा आज सामने आ गया और एक बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार खुले आसमान में तिरपाल के सहारे करना पड़ा. जिला पंचायत सीईओ जेके जैन ने पूछे जाने पर रटा-रटाया जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया से जानकारी मिली है. मामले की जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि बीते साल 22 सितंबर को भिंड के ही अजनोल गांव में मुक्तिधाम ना होने की वजह से बारिश में ग्रामीण बीच सड़क पर अंतिम संस्कार करने को मजबूर हुए थे. 21 अगस्त को चौकी गांव में पाइप और टीन की तख्ती लगाकर महिला के शव को मुखाग्नि दी गई थी.
गोहद के मानपुरा गांव में भी बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए त्रिपाल ताननी पड़ी थी. तीनों घटनाओं के बाद जिला पंचायत सीईओ जेके जैन ने 1 नवंबर तक सभी पंचायतों में मुक्तिधाम बनवाने का आदेश जारी कर दिया था. आरोप है कि सरपंच, सचिवों ने आदेशों को ठेंगा दिखाकर मुक्तिधाम तो बनवाना दूर अंतिम संस्कार के लिए किसी भी प्रकार की अस्थाई व्यवस्था तक नहीं की. नोंधनी गांव में मुक्तिधाम बनवाने के आदेश छह महीने पहले ही जारी हो चुके हैं. सरपंच, सचिव की लापरवाही के चलते मुक्तिधाम का निर्माण नहीं हो सका. अब देखने वाली बात होगी जिला प्रशासन लापरवाही करने वालों पर क्या कार्रवाई करता है.
जिला पंचायत सीईओ ने दिया रटा रटाया जवाब
पंच परमेश्वर और मनरेगा योजना के तहत हर साल पंचायत में लाखों रुपयों का काम कागज पर होता है. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ से जन हितैषी काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं. आज भी कई गांवों में ना तो श्मशान घाट पर टीनशेड लगाया है और ना पहुंच मार्ग बनाया गया है. कुछ माह पहले भी अजनोल गांव में श्मशान ना होने के चलते सड़क पर अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. भिंड कलेक्टर ने सचिव को निलंबित कर तत्काल श्मशान बनाने के आदेश जारी किए थे. अब एक बार फिर जिला पंचायत सीईओ जेके जैन को मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.