Jabalpur News: जबलपुर में एक्सपायर्ड केमिकल और डिस्टिल्ड वाटर के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ने लगा है. क्षेत्रीय विधायक के आरोप पर सरकार ने जांच शुरू कर दी है. कमेटी एक महीने में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) स्थित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा था. कहा जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में स्थायी डीन की नियुक्ति नहीं होने से स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है. अक्टूबर महीने में एक्सपायर्ड केमिकल और डिस्टिल्ड वाटर के इस्तेमाल का मुद्दा सामने आया था. नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को शिकायत प्रमाण सहित सौंपा गया. आरोप है कि प्रबंधन ने शिकायत का का संज्ञान नहीं लिया.


विधायक की शिकायत पर जांच कमेटी की गई गठित


विधायक तरुण भनोत तक मामला पहुंचा. उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव से शिकायत की. विधायक तरुण भनोत की शिकायत का संज्ञान लेते हुए दो माह बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने 12 दिसंबर को चार सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच का आदेश दे दिया. कमेटी एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार और घपले-घोटालों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन जमकर बट्टा लगा रहा है.




अस्पताल में मरीजों की जान से हो रहा था खिलवाड़!


लापरवाही और सरकार की उदासीनता के कारण कॉलेज की प्रतिष्ठा दांव पर लग चुकी है. इसी साल सुपर स्पेशियलिटी प्रबंधन पर दवाई खरीदी मामले में भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं. विधायक तरुण भनोत का कहना है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ बेहद गंभीर मामला है. अक्टूबर माह में एक्सपायर्ड केमिकल और डिस्टिल्ड वाटर के उपयोग की शिकायत मिली थी. चिकित्सा शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव ने 4 सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया है. उन्हें विश्वास है कि जांच के नाम पर सरकारी औपचारिकताएं और खानापूर्ति नहीं की जाएंगी. उन्होंने मरीजों की जान और मेडिकल कॉलेज की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर जांच कमेटी से कड़ी कार्रवाई की सिफारिश करने की मांग की है.




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