नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का बहुत जल्द होगा कायाकल्प, DURC के ग्रीन सिग्नल का है इंतजार
NDRS Plan: इंडियन रेलवे दिल्ली शहरी कला आयोग (DURC) ने स्टेशन परिसर के बाहरी क्षेत्र में किए जाने वाले विकास कार्य को मंजूरी देने से इनकार किया.
NDRS Modernization Project: सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDRS) और उसके आसपास के इलाके का बहुत जल्द कायाकल्प होने वाला है. रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) द्वारा प्रस्तावित मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के मुताबिक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और उसके आसपास के इलाकों का न केवल सौंदर्यीकरण किया जाएगा बल्कि उसे सभी आधुनिकतम सुविधाओं से भी सुसज्जित किया जाएगा. एनडीआरएस पुनर्विकास योजना (NDRS Redevelopment Scheme) के तहत परियोजना बनकर तैयार है. रेल प्रशासन को सिर्फ दिल्ली शहरी कला आयोग (DURC) की ओर से इस परियोजना को ग्रीन सिग्नल मिलने का इंतजार है.
रेल मंत्रालय के इस परियोजना पर काम पीपीपी के आधार पर होना है. यानि निजी भागीदारी से स्टेशन परिसर के साथ ही इसके साथ लगती रेलवे भूमि को नये सिरे से विकसित किया जाएगा. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है.
NDRS के विकास में कई कपंनियों ने दिखाई रुचि
फिलहाल, इस परियोजना पर काम शुरू होने में सबसे बड़ी बाधा रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान को दिल्ली शहरी कला आयोग से स्वीकृति न मिलने की है. डीयूआरसी ने स्टेशन परिसर के बाहरी क्षेत्र में किए जाने वाले विकास कार्य को फिलहाल ग्रीन सिग्नल देने से इनकार कर दिया है. दूसरी तरफ एनडीआरएस के पुनर्विकास में कई बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसके लिए वन विभाग व अन्य विभागों से अनापत्ति पत्र भी लिया गया है. रेलवे बोर्ड ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
इस मसले पर है DURC को आपत्ति
दिल्ली शहरी कला आयोग का कहना है कि आरएलडीए (RLDA) की ओर से प्रस्तुत मास्टर प्लान केंद्रीय आवास व शहरी मामले के मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुरूप नहीं है. रेल मंत्रालय की ओर से केवल स्टेशन परिसर के पुनर्विकास को मंजूरी दी गई है. जबकि ताजा परियोजना के तहत स्टेशन परिसर के बाहरी इलाकों का भी पुनर्विकास होना है. यही वजह है कि डीयूआरए ने आरएलडीए को मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुरूप फिर से प्रस्ताव बनाकर देने को कहा है.
दरअसल, स्टेशन के आसपास के इलाकों में रेलवे की जमीन पर स्थित रेलवे कालोनियां, कार्यालय, करनैल सिंह स्टेडियम और कनाट प्लेस के साथ लगी आंतरिक सड़कों का भी निजी भागीदारी के तहत पुनर्विकसित किए जाने का प्रस्ताव है. डीयूआरसी को इस बात को लेकर ही आपत्ति है. आरएलडीए का कहना है कि डीयूएसी की आपत्ति का अध्ययन कर मास्टर प्लान में बदलाव किया जा रहा है. फिलहाल, आरएलडीए ने नये सिरे से प्रस्ताव भेजने के संकेत दिए हैं.
इन सुविधाओं को विकसित करने की है योजना
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए मास्टर प्लान में शामिल कुल एरिया 120 हेक्टेयर है. 88 हेक्टेयर एरिया को पहले चरण में शामिल किया गया है. मास्टर प्लान के मुताबिक लगभग 12 लाख वर्गमीटर में निर्माण कार्य होना है.
- रेलवे कार्यालय और कर्मचारियों के लिए अलग से क्वार्टर बनाए जाएंगे. साथ ही स्टेशन तक पहुंचने के लिए एलिवेटेड सड़कें भी बनाई जाएंगी.
- मास्टर प्लान में एनडीआरएस एरिया में भरपूर पार्किंग सुविधा के साथ ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के लिए भी जरूरी स्थान का प्रावधान है.
- दिव्यांगों के लिए उनके अनुकूल सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया जाएगा.
- एनडीआरएस स्टेशन के दोनों तरफ मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब, पैदल यात्रियों के लिए अलग मार्ग, साइकिल ट्रैक, ग्रीन ट्रैक बनाए जाएंगे.
- एनडीआरएस क्षेत्र में आधुनिकतम सुविधाओं से सुसज्जित दो गुंबद के आकार वाला स्टेशन बनेगा. गुंबदों की उंचाई जमीन से 80 मीटर और 60 मीटर होगी.
- 2.2 लाखवर्ग मीटर के फ्लोर स्पेस में दो अलग-अलग आगमन और प्रस्थान क्षेत्र, सर्कुलेटिंग एरिया, रिटेल स्पेस और यात्री सुविधाएं भी विकसित करने की योजना है.
- नवनिर्मित इमारत में 86 लिफ्ट और 67 स्वचालित सीढ़ियां होंगी.
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