MP Liquor Ban: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तीखे तेवरों के कारण प्रदेश की प्रस्तावित शराब नीति (MP Excise Policy 2023) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गले की हड्डी बनती जा रही है. मध्यप्रदेश की नई शराब नीति कैसी हो, इसके बारे में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आखिरकार वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने सुझाव भेज दिए है. इस मामले में अब गेंद सरकार के पाले में है.
इसके साथ ही उमा भारती ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को उनके और शिवराज सिंह चौहान के बीच में ना पड़ने की नसीहत भी दी है. उमा भारती ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि,'मैंने शिवराज जी को शराब नीति पर अपने परामर्श भेज दिए हैं. कमलनाथ जी से कहूंगी कि आप भी उन्हीं को भेज दीजिए और मेरे और शिवराज जी के बीच में मत आइए. मैं बीजेपी, सरकार या शिवराज जी के खिलाफ नहीं हूं, उनके साथ हूं. मेरे लिए तो शराब मेरी दुश्मन है और गंगा जी मेरी इष्ट हैं.'
सांसद-विधायक पर उमा भारती का हमला
बता दें कि शराब बंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का सरकार पर हमलावर रुख अब भी कायम है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार के पास सबसे बड़ी शक्ति होती है. हमारी सरकार ऐसी शराब की दुकानों के सामने कैसे शक्तिहीन हो गई? यह खोज का विषय है. उन्होंने ओरछा के सांसद और विधायक पर भी निशाना साधा. उमा भारती ने कहा कि, 'इतनी जानकारी इकट्ठी करने के बाद मैं यहां के सांसद और विधायक को शत-प्रतिशत इसके लिए दोषी मानती हूं, वह दोनों हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सत्य से अवगत ही नहीं करा पाए. अब मैं इन दोनों से बात करूंगी, क्या इन्हें राम का नाम लेने और रामराजा सरकार की जय बोलने का अधिकार है? इनसे मैं यह सवाल पूछूंगी, यह जब मिलेंगे तब पूछूंगी.'
शराबियों को लेकर क्या बोलीं उमा?
पूर्व उमा भारती ने कई ट्वीट करते हुए कहा कि ओरछा की शराब की दुकान न हट पाने का रहस्य खुल गया है. हमारी सरकार ने जब बंद करने का नोटिस दिया तो तीन बातें गलत तरीके से प्रस्तुत की गई. यह तर्क दिया गया कि यह ओरछा के रामराजा सरकार के मंदिर से 1 किलोमीटर से ज्यादा दूर है. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटक वहीं से प्रवेश करते हैं. रात को सात बजे के बाद शराबी लोग बीच सड़क पर ही झूमते हुए खड़े हो जाते हैं, गाली गलौज करते हैं. इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं. पर्यटकों को असुविधा और बीजेपी को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है.
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