New Parliament Building: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बीजेपी (BJP) विधायक नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi) ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मचे घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से एक बड़ी मांग की है. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि देश के नए संसद भवन परिसर में रामराज्य की सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में राम-चरण-पादुका (खड़ाऊ) की स्थापना की जाए.


बीजेपी नेता ने कहा कि यदि ऐसा किया जाना संभव है, तो यह पारदर्शी, समदर्शी और निष्पक्ष रामराज्य की सनातनधर्मी विचारधारा का वास्तविक सम्मान होगा. मध्य प्रदेश की मैहर (Maihar) विधानसभा सीट से विधायक नारायण त्रिपाठी ने कुछ दिन पहले बीजेपी से बगावत करते हुए अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी. त्रिपाठी ने ऐलान किया था कि 2023 के चुनाव मैदान में उनकी पार्टी विंध्य इलाके की सभी 29 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. अब वो प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने के कारण चर्चा में है. 


विधायक नारायण त्रिपाठी ने पीएम को लिखा पत्र
विधायक त्रिपाठी ने अपनी पत्र में कहा "अत्यंत हर्ष का विषय है कि, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत देश का नए संसद भवन का आप (प्रधानमंत्री मोदी)  28 मई 2023 को उद्घाटन कर रहे हैं."उन्होंने आगे लिखा कि भारतीय सनातन धर्म और संस्कृति से लेकर भारतीय संविधान तक समूचा भारत वर्ष 7500 साल पहले के रामराज्य की स्थापना हेतु प्रतिबद्ध और संकल्पित है.


पत्र में क्या लिखा
उन्होंने लिखा कि तपोभूमि विंध्य प्रदेश का चित्रकूट क्षेत्र 'श्रीराम-भरत मिलाप' का प्रमाणिक स्थल होने के साथ-साथ रामराज्य की प्रथम संकल्पना की जननी भी है. इस स्थान पर सर्वप्रथम भ्राता भरतजी ने मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम से रामराज्य की स्थापना हेतु सत्ता हस्तांतरण करना चाहा था. इसके परिणामस्वरूप प्रभु श्रीराम ने गुरुजनों की सहमति पर स्वयं अपनी चरण पादुका (खड़ाऊ ) प्रतीक स्वरूप भरतजी को प्रदान कर औपचारिक रूप से रामराज्य की स्थापना प्रारंभ की थी. अतः भारतीय सनातन धर्म एवं संस्कृति में सत्ता हस्तांतरण का इससे बेहतर प्रतीक अन्य कोई नहीं है. 


पीएम से किया ये निवेदन
विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर भारतरत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी तक ने देश में रामराज्य की परिकल्पना साकार करने का स्वप्न देखा था. अतः रामराज्य की सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक रामचरण पादुका (खड़ाऊ ) को नए संसद भवन परिसर में स्थापित किए जाने का निवेदन है. यदि ऐसा किया जाना संभव है, तो यह पारदर्शी, समदर्शी, निष्पक्ष रामराज्य की सनातनधर्मी विचारधारा का वास्तविक सम्मान होगा.


विधायक ने लिखा कि जिन विकृत मानसिकता के नेताओं ने खड़ाऊ सत्ता को नकारात्मक और कहीं अन्य से संचालित होने वाली मान रखा है, उनको भी सबक मिल सकेगा. अतः भारत के सत्ता केन्द्र में रामराज्य का प्रतीक चिन्ह स्थापित किया जाना आवश्यक भी है और यह समय की मांग भी है.


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