MP News: रतलाम से गिरफ्तार ISIS आतंकी ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया रांची, पूछताछ में खजूरी देवड़ा के राहुल सेन का किया जिक्र
ISIS terrorist in Ratlam: एमपी एटीएस और रतलाम पुलिस ने NIA के साथ मिलकर ISIS आतंकी को गिरफ्तार कर किया. आतंकी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर रांची भेज दिया गया है.
Ratlam News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ऑल आलोट क्षेत्र में नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) की टीम ने छापामारी करते हुए एक आईएसआईएस आतंकी को गिरफ्तार किया है. संदिग्ध आतंकी पर आरोप है कि वह सोशल मीडिया के जरिए लंबे समय से आतंकी फैजान अंसारी के साथ जुड़ा हुआ था. आरोपी के कब्जे से कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. इस गिरफ्तारी के बारे में रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि रांची पुलिस की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें इस बात का जिक्र था कि कुछ समय पहले उन्होंने फैजान अंसारी नामक आईएसआईएस के आतंकी को गिरफ्तार किया था.
उस आतंकी ने रतलाम जिले के आलोट तहसील के ग्राम खजूरी देवड़ा में रहने वाले राहुल सेन का जिक्र किया. आरोपी राहुल सेन से फैजान की सोशल मीडिया के जरिए कई बार बातचीत भी होती थी. इस दौरान देशद्रोही गतिविधियों के बारे में लंबी चर्चा भी करते थे. इस पूरे खुलासे के बाद एमपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) और रतलाम पुलिस ने NIA के साथ मिलकर राहुल सेन को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से शुक्रवार को ट्रांजिट रिमांड पर रांची भेज दिया गया है. रांची पुलिस और एनआईए टीम रतलाम से आरोपी राहुल सेन को लेकर रवाना हो गई है.
काला कपड़ा और धारदार चाकू
रतलाम एसपी के मुताबिक जिस प्रकार से आईएसआईएस के आतंकी धारदार चाकू और काला कपड़ा साथ में रखते हैं. उसी प्रकार का चाकू और काला कपड़ा राहुल सेन के पास से बरामद हुआ है. रांची पुलिस ने चाकू और काले कपड़े को बरामद कर ट्रांजिट डिमांड ले लिया है. आरोपी राहुल सेन सोशल मीडिया पर हुई बातचीत के सबूत भी मिले हैं. आरोपी से रतलाम पुलिस ने भी कड़ी पूछताछ की है.
गांव का मजदूर कैसे बन गया आतंकी ?
रतलाम एसपी राहुल कुमार के मुताबिक राहुल सेन गांव में मजदूरी कर अपना भरण पोषण कर रहा था. इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए वह फैजान अंसारी के संपर्क में आया. फैजान अंसारी युवाओं का ब्रेन वाश कर उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने में काफी माहिर है. वह खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर गरीब लोगों को अपने जाल में फंसाता है.
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