MP News: चुनावी साल में शिवराज सरकार सभी का ध्यान रखने का प्रयास कर रही है, लेकिन मध्यप्रदेश का एक गांव बीते सात महीने से अंधेरे में रहने को मजबूर है. बिजली नहीं होने से गांववालों की परेशानी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. बच्चों को परीक्षा की तैयारी में दुश्वारी आ रही है. उनको चिराग तले पढ़ना पड़ रहा है. बिजली नहीं होने से किसानों को खेती की सिंचाई में दुश्वारी आ रही है. हम बात कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कर्मक्षेत्र विदिशा विधानसभा की. विदिशा विधानसभा क्षेत्र के तहत आन कोठीचार खुर्द का गांव पिछले सात महीने से बिन बिजली है.


सात महीने से अंधेरे में मुख्यमंत्री शिवराज का कर्मक्षेत्र


मंगलवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीण ट्रालियों में भरकर कलेक्ट्रेट जा पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली की डिमांड करने पर विभाग के कर्मचारी अलग से पैसों की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कलेक्टर से बिजली के लिए डीपी रखने और बिजली सप्लाई शुरू करने की मांग की है. कोठीचार खुर्द गांव के ग्रामीण ट्रालियों से भरकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. बच्चों की किताबें और बिस्तर साथ लेकर ग्रामीणों के पहुंचने से कलेक्ट्रेट में अफरा तफरी का माहौल बन गया.


बिस्तर, किताब लेकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में बोला धावा


ग्रामीणों का कहना था कि बच्चों की परीक्षाएं सिर पर है और गांव में सात महीने से बिजली नहीं है. बिन बिजली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि बच्चे लैंपों की रोशन के सहारे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. कोठचार खुर्द की ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि प्रशासन ने गांव में डीपी रखने के लिए राशि भी जारी कर दी है. बावजूद बिजली कंपनी के कर्मचारी-अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं. गांव में डीपी रखने के एवज पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है. बिना जरूरत पोल लगाने की बात कहकर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है.


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