MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले के बाद अब एक बार फिर से 160 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई ही करेगी. खास बात यह है कि इस बार जिले में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जांच होगी, साथ ही जांच के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.
इधर जिन अनसूटेबल 66 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, उनके छात्रों के लिए राहत भरी बात यह है कि वह विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे. हालांकि यह सुविधा सिर्फ एक बार ही लागू होगी. इस फैसले के बाद विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली है.
तीन फैसलों से ताबड़तोड़ कार्रवाई
नर्सिंग घोटाले के मामले में मंगलवार (28 मई) को एक के बाद एक हाईकोर्ट- सरकार और शासन द्वारा अलग-अलग तीन फैसले लिए गए. इनमें हाईकोर्ट ने जांच पर सवाल उठाए और सभी सूटेबल कॉलजों की जांच के निर्देश दिए.
जबकि सरकार द्वारा 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई. कुछ कॉलेज को सील कर दिया गया, तो वहीं शासन स्तर पर की गई कार्रवाई में घूसखोर सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील मजोका को बर्खास्त कर दिया गया है.
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जांच
हाईकोर्ट ने निर्देशित किया है कि सूटेबल 169 नर्सिंग कॉलेजों की फिर से जांच की जाए, साथ ही यह भी कहा गया है कि हर जिले में जांच मजिस्ट्रेट की मौजदूगी में ही की जाएगी. इसके साथ ही जांच के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. खास बात यह है कि 169 नर्सिंग कॉलेजों की जांच की जिम्मेदारी इस बार भी सीबीआई को ही सौंपी गई है.
विद्यार्थियों को मिली राहत
मध्य प्रदेश के 31 जिलों में जिन 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, वहां के विद्यार्थियों को इससे राहत दी गई है. अनसूटेबल 66 कॉलेजों के ये विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे, हालांकि यह सुविर्धा सिर्फ एक बार ही लागू होगी. सबसे ज्यादा अनसूटेबल कॉलेज प्रदेश के बैतूल के हैं, जहां 8 कॉलेजों की मान्यता रद्द करते हुए उन्हें सील किया गया है.
कब क्या हुआ?
- जनवरी 2022: नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता फर्जीवाड़े पर हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका.
- मार्च 2022: मुख्य न्यायाध्याीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार-कॉलेज को नोटिस दिए.
- जून 2022: सरकार की रिपोर्ट से पता चला, भवनविहीन कॉलेजों को भी मान्यता दी गई.
- अगस्त 2022: गड़बड़ पर नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीला सिंजू को सस्पेंड कर प्रशासक की तैनाती के आदेश.
- सितंबर 2022: ग्वालियर खंडपीठ ने सीबीआई जांच के दिए आदेश.
- जुलाई 2023: सभी याचिकाएं हाईकोर्ट जबलपुर स्थानांतरित.
- फरवरी 2024: सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट में 169 कॉलेज सूटेबल, 66 अनसूटेबल, 74 डेफिसिएंट बताए.
- 15 अप्रैल 2024: छात्र नेता रवि परमार ने की सीबीआई को सूटेबल कॉलेजों की शिकायत.
- 19 मई 2024: सीबीआई दिल्ली की टीम ने जांच अफसर और कॉलेजों को पकड़ा.
ये भी पढ़ें: एमपी हाई कोर्ट जस्टिस के विदाई समारोह में जब वकील ने सुनाई खरी-खरी, वायरल हो रहा वीडियो