MP Nursing Exam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने नर्सिंग की परीक्षा (Nursing Exam) पर लगाई गई रोक को बरकरार रखने का फैसला किया है. जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह ने बुधवार को सुनवाई के दौरान एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में बैकडेट से संबद्धता देने को लेकर नाराजगी भी जताई और साथ ही सरकार से गंभीर सवाल पूछे. दरअसल, सरकार और नर्सिंग कॉलेजों ने परीक्षा पर रोक हटाने की अपील की थी. इसके लिए स्टूडेंट्स के भविष्य का हवाला दिया गया था.
हाई कोर्ट की बेंच ने सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से पूछा कि जब कॉलेजों की मान्यता को लेकर सीबीआई की जांच चल रही है फिर छात्रों को परीक्षा में बिठाने की मंजूरी कैसे दे दी गई? बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा कि हम हैरान हैं कि कैसे लोग सरकार चला रहे हैं जिनको आम लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं है. बेंच ने यह भी पूछा कि जब सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है तो फिर 20 हजार बच्चों को किस तरह बैकडेट में परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई. मामले में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी जिस दिन सरकार और प्राइवेट कॉलेजों को दस्तावेज पेश करने कहा गया है. बता दें कि हाई कोर्ट ने 27 फरवरी को नर्सिंग परीक्षा पर रोक लगा दी थी.
खंडपीठ ने महाधिवक्ता से किए ये सवाल
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से गंभीर सवाल किए हैं. बेंच ने पूछा कि क्या कोर्ट की ओऱ से सीबीआई जांच के संबंध में दिए गए आदेश को पढ़ा गया है? अगर यूनिवर्सिटी को मान्यता की अनुमति दी गई तो सीबीआई की जांच का क्या किया जाएगा. कोर्ट ने पूछा कि क्या सीबीआई जांच और मान्यता साथ-साथ चल सकती है? एक तरफ काउंसिल यूनिवर्सिटी को मान्यता दे रहा है और दूसरी तरफ मध्य प्रदेश नर्सेस काउंसिल ने कोर्ट को बताया कि उसके पास कॉलेजों से जुड़ा दस्तावेज ही नहीं है. आप यह बताएं कि ऐसा क्यों हो रहा है?
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