MP News: मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति के पहले नायलॉन के धागे पर अंकुश लगाने के लिए जिला कलेक्टरों द्वारा फरमान जारी किया जा रहा है. नायलॉन के धागे का मध्य प्रदेश में पतंगबाजी के दौरान उपयोग से कई लोगों की जान तक जा चुकी है. इसी के चलते हर साल नायलॉन के धागे को लेकर जिला प्रशासन द्वारा फरमान जारी किया जाता है. मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति के पहले ही आसमान में पतंग बाजी शुरू हो जाती है. पतंगबाजी में आगे रहने के लिए लोगों ने नायलॉन के धागे तक का इस्तेमाल शुरू कर दिया था.


नायलॉन का धागा आसानी से टूटता नहीं है. इसी वजह से नायलॉन के धागे के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री के शहर उज्जैन में 3 सालों में तीन लोगों की जान नायलॉन के धागे से चली गई है. इसी वजह से नायलॉन के धागे पर पूरी तरह अंकुश लगाने की कवायद अभी से शुरू हो गई है.


 नीरज कुमार ने जारी किया आदेश


 उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि 25 जनवरी तक नायलॉन के धागे का पतंगबाजी में इस्तेमाल को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया जा चुका है. इसके बाद भी यदि कोई नायलॉन के धागे का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि नायलॉन के धागे का पतंग में इस्तेमाल करना वर्जित है. इस संबंध में सख्त कार्रवाई की जाएगी.


मानव और पक्षी के लिए खतरनाक है नायलॉन का धागा


 उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि  मानव व‌ पशु-पक्षियों के जीवन की सुरक्षा बनाए रखने एवं दुर्घटनाओ की रोकथाम के लिए एवं जन सामान्य के हित‌‌व जान माल की रक्षा एवं लोक शांति को बनाए रखने यह प्रतिबंधात्मक आदेश संपूर्ण जिले में लागू रहेगा. आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति पतंगबाजी में न तो नायलोन डोर (चायना डोर) का निर्माण करेगा, न ही क्रय-विक्रय व उपयोग करेगा और न ही भण्डारण करेगा. मकर संक्राति पर्व पर पतंगबाजी हेतु ऐसी डोर का क्रय-विक्रय एवं निर्माण किया जाए, जिससे किसी भी व्यक्ति, पशु,पक्षियों को किसी भी प्रकार की शारीरिक क्षति न हो. 


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