Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश सरकार यह जानने की कोशिश कर रही है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के कितने वोटर हैं. तीन दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होने जा रही पंचायत चुनाव संबंधी याचिकाओं की सुनवाई के पहले सरकार ओबीसी वोटरों संबंधित जानकारी एकत्र करने में जुटी हुई है. सरकार ओबीसी वोटरों की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देकर पंचायत चुनाव में इस वर्ग के लिए आरक्षण बहाली की मांग करेगी.
पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए करेंगे संपूर्ण प्रदेश का दौरा
इस सिलसिले में मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन जबलपुर दौरे पर पहुंचे हैं. जहां वे जिले की ओबीसी आबादी और वोटरों की जानकारी एकत्रित कर सरकार को मुहैया कराएंगे. मीडिया से बातचीत करते हुए आयोग के अध्यक्ष बिसेन ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक आधार का आकलन करना आयोग का काम है. पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए संपूर्ण प्रदेश में वह दौरे कर रहे हैं और जिलेवार ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर पर ओबीसी वर्ग की जानकारी को सरकार को मुहैया कराएंगे. ओबीसी आबादी के लिए राजनीतिक पिछड़ेपन का क्या आधार है? इस बात की जानकारी सरकार को दी जाएगी, जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार पिछड़े वर्ग को उनका अधिकार दिलाने प्रतिबद्ध है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शीतकालीन अवकाश के पहले मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म करते हुए उसके लिए आरक्षित सीट सामान्य करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं कराने का निर्णय लेते हुए पंचायत चुनाव ही स्थगित कर दिए. सरकार का मानना है कि राज्य में ओबीसी की आबादी 51 प्रतिशत है और उसे आरक्षण का लाभ मिलना ही चाहिए.
इसे भी पढ़ें :
Panchayat Chunav: मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए लगी आचार संहिता हुई समाप्त