MP News: भोपाल में अधिकारी कागजों पर चला रहे हैं जल जीवन मिशन योजना, बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जताई भ्रष्टाचार की आशंका, जांच की मांग की
MP News : भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजना जल जीवन मिशन के तहत मध्य प्रदेश के सभी गांव और घरों में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन (JAL JEEVAN MISSION) योजना का अधिकारी ही पतीला लगा रहे हैं. राजधानी में सरकारी अधिकारियों ने पोर्टल में नल कनेक्शन और पानी सप्लाई होना दर्शा दिया,लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.ऐसे में जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार की बू आ रही है.भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने जल जीवन मिशन योजना में गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए जांच की मांग है.
बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने क्या-क्या जानकारी मांगी है
बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल जिला प्रशासन को पत्र लिखा है.जिसमें उन्होंने जल जीवन मिशन योजना जांच की मांग की है.जल जीवन मिशन के कार्यों, आबंटित राशि और भौतिक सत्यापन कर जांच की रिपोर्ट देने को कहा है.जब अधिकारी इस मामले की रिपोर्ट सौपेंगे,तब पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा.
भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजना जल जीवन मिशन के तहत मध्य प्रदेश के सभी गांव और घरों में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लेकिन भोपाल जिले में अधिकारी कागज और फाइलों में ही नल कनेक्शन दे रहे हैं.इसकी जानकारी मिलने के बाद भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कलेक्टर को जांच करने के लिए पत्र लिखा है.सांसद ने भोपाल जिले में योजना के तहत आबंटित राशि से हुए कामों का भौतिक सत्यापन कर जांच रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया है.
कब शुरू हुआ था जल जीवन मिशन?
बता दें कि पीएम मोदी ने 2024 तक हर घर में पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.इसके लिए जल जीवन मिशन योजना शुरू की गई है, लेकिन भोपाल में जल संसाधन विभाग इस मिशन को कागजों पर ही पूरा करने में लगा हुआ है.भोपाल में 187 पंचायतों के 476 गांवों में करीब 35 हजार नल कनेक्शन किए जाने हैं.इस पर 48 करोड़ 50 लाख 68 हजार रुपये खर्च होंगे.पीएचई के अफसरों ने बीते 17 महीनों में जो काम किया, वो सरकारी पोर्टल पर लिखा है.
इसके मुताबिक 20 अक्टूबर 2020 से अब तक 140 गांवों के 28 हजार 963 घरों में से 24 हजार में नल कनेक्शन हो गए हैं. इसके अलावा 375 किमी में से 280 किमी पाइप लाइन बिछ गई है.लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.यहां न नल हैं, न टोंटी. पोर्टल पर कई गांवों में पानी सप्लाई शुरू होना बताया गया है. जबकि पाइपलाइन बिछे एक साल हो गया, लेकिन पानी की एक बूंद तक सप्लाई नहीं हुई.