NIT Trichy Student Missing: पोस्ट ग्रेजुएशन करने इंदौर से अपने सपनो के कॉलेज नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी त्रिची तमिलनाडु गई इंदौर की बेटी पिछले 15 दिनों से लापता है. जाने से पहले वह 4 पन्नो का एक लेटर भी छोड़कर गई है, जिसमे उसने अपनी सभी समस्याओं के बारे में खुलकर बात की है. उसकी लिखी बातों से प्रतीत होता है कि क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनने के बाद से ही उसे प्रताड़ित किया जा रहा था.


इससे वह इस कदर परेशान हुई कि कॉलेज सहित सब कुछ छोड़कर खाली हाथ चली गई. उसकी तलाश में उसके परिजन दर-दर भटकने को मजबूर है. छात्रा के परिजनों की उम्मीद अब सीएम डॉ. मोहन यादव से ही है, जिसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है.


एनआईटी त्रिचि में पढ़ाई करती थी ओजस्विनी 
इंदौर की बेटी ओजस्विनी गुप्ता ने इंदौर से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में बाद इंदौर की ही आईटी कंपनी इंफोबीन में जॉब स्टार्ट कर दी थी. लेकिन वह अपने सपनो के कॉलेज एनआईटी त्रिचि से पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहती थी. लिहाजा कड़ी मेहनत कर उसने एग्जाम दिया और देश भर में 72वीं रैंक लाकर एनआईटी त्रिचि में एडमिशन ले लिया.


यहां उसकी काबिलियत को देखकर उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बना दिया गया, लेकिन यह बात कुछ लोगों को नागवार गुजरी. सीसीटीवी फुटेज में 15 सितंबर को वह कॉलेज कैंपस में साइकिल खड़ी कर कॉलेज से बाहर निकलती हुई नजर आ रही है. उन्हे सप्ताह में सिर्फ रविवार को ही कैंपस से बाहर निकले की अनुमति होती थी. उसके वापस न आने के बाद जब उसके कमरे की तलाशी ली गई तो 4 पन्नों का बेहद मार्मिक लेटर मिला.


16 सितंबर को दर्ज करवाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
ओजस्विनी गुप्ता के लापता होने के बाद 16 सितंबर को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट त्रिचि के थुवक्कुडी थाने में दर्ज करवाई गई थी. त्रिचि पुलिस ने ओजस्विनी की तलाश के लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया, लेकिन अब तक टीम उसे तलाश नही कर सकी. पिता ने तमिलनाडु पुलिस पर गंभीरता से उसकी तलाश नही करने आरोप लगाया.


ऐसे में इंदौर पहुंचे सीएम डॉ. मोहन यादव से परिजनों ने मुलाकात कर बेटी की तलाश करने की गुहार लगाई है. सीएम यादव ने जल्द बेटी की तलाश करवाने और सरकार द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया है. ओजस्विनी के परिजनों को चिंता है कि कॉलेज से जाने के बाद बेटी के साथ कुछ गलत नहीं हो गया हो. इतने दिनो में उसका कुछ पता नहीं चल सका है. उसने परिजनों से भी संपर्क नही किया है, इस वजह से उनकी चिंता और अधिक बड़ी हुई है. लेकिन देश के नामी कॉलेज में बेटी को मिल रही प्रताड़ना कई सवाल खड़े कर रही है.


ओजस्विनी ने खत में क्या लिखा था
कॉलेज से बाहर जाने से पहले ओजस्विनी ने अपने कमरे में एक लेटर छोड़ा, जो रूम की तलाशी के दौरान मिला. लेटर में उसने लिखा था, "अगर कोई महिला सुंदर नहीं है तो ये बहुत मुश्किल है कि वह पुरुषों को अपनी लीडरशिप में काम करवा सके. पुरुषों को स्त्रियों के नेतृत्व में काम करना पसंद नहीं, खासकर तब जब महिला सुंदर न हो. मेरे लिए सबसे अच्छी बात तब हुई जब मैंने एनआईटी में अपना पीजी शुरू किया. मुझे डिपार्टमेंट का सीआर बनाया गया. दूसरों को हराने और सभी राउंड क्लियर करने के बाद मुझे ये पद हासिल हुआ. वास्तव में मुझे शुरुआत में इसके लिए बहुत गर्व और खुशी महसूस हुई, लेकिन बाद में सब खराब होने लगा."


"लोगों के लिए इतना मत करो कि खुद को ही खो दो क्योंकि आखिर में ये वही लोग होते हैं, जो आप पर ऊंगली उठाते हैं. खास तौर पर लड़कियों के लिए- ये जमाना लड़कियों के लिए ठीक नहीं है. अब अलविदा कहती हूं, इसे हाइप बनाने की जरूरत नहीं है. मेरा मानसिक दबाव था मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई, मेरी गलती है, दूसरों को दोष मत देना. सब अच्छे से पढ़ाई करना अच्छा पैकेज लेकर जाना."


ओजस्विनी ने आगे ये भी लिखा, "...और हां, जिसको सीआर बनाना है बना दो यार. लव यू एनआईटी."


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