Watch: सायरन को अनसुना कर बांध पर खड़े रहे कई पर्यटक, अचानक बढ़ा नर्मदा नदी का पानी और...
Omkareshwar Dam: 15 श्रद्धालु घाट पर नहाने के लिए पहुंचे थे प्रतिदिन की तरह बांध से पानी छोड़ा गया, जिससे धीरे-धीरे जल स्तर बढ़ने लगा, श्रद्धालु वहां से हटकर किनारे पर नहीं गए और वहां फंस गये.
Omkareshwar Dam News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर बने एक बांध से रविवार को रोज की तरह सायरन बजाकर पानी छोड़ा गया. लेकिन वहां खड़े कुछ लोगों ने सायरन की आवाज को अनसुना कर दिया. इस कारण ओंकारेश्वर के नागर घाट पर स्नान करने गए कम से कम 15 पर्यटक चारों तरफ से पानी से घिर गए, जिन्हें प्रशासन द्वारा नावों के जरिए सुरक्षित बचाया गया. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है.
सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) चंदर सिंह सोलंकी ने बताया कि लगभग 15 श्रद्धालु आज सुबह नागर घाट पर नहाने के लिए पहुंचे थे. प्रतिदिन के अनुसार ओंकारेश्वर बांध से सायरन बजाकर पानी छोड़ा गया, जिससे धीरे-धीरे जल स्तर बढ़ने लगा. लेकिन जलस्तर बढ़ता देखने के बाद भी इनमें से कोई भी श्रद्धालु वहां से हटकर किनारे पर नहीं गए, जिसके कारण वे वहां फंस गये.
'सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे'
उन्होंने कहा कि इलाके में तैनात नाविकों और होमगार्डों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालकर बचाया. नर्मदा जलविद्युत विकास निगम लिमिटेड द्वारा बिजली उत्पादन के दौरान बांध से नियमित रूप से पानी छोड़ा जाता है. सोलंकी ने बताया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. साथ ही स्थानीय निवासियों के माध्यम से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को गहरे पानी में न जाने संबंधी समझाइश लगातार दिलवाई जाएगी एवं घाटों पर और अधिक संख्या में होमगार्ड एवं पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई जायेगी .
ओंकारेश्वर में नर्मदा में नहा रहे लोगों के सामने अचानक आ गई मौत! pic.twitter.com/c6Q9LA4jCa
— Viral Baba (@user189876) April 9, 2023
नाविकों ने लोगों की बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शी रंजीत भवरिया ने बताया कि जलस्तर कम होने के कारण कुछ लोग 50-60 मीटर तक नदी में चले गए, लेकिन बांध का पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर बढ़ गया और वे फंस गए. उन्होंने कहा कि बाद में नाविकों ने रस्सियों की मदद से उन्हें बचाया. सोशल मीडिया पर इस घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें नाविक इस नदी और इसके आसपास की चट्टानों पर फंसे लोगों को बचाने के लिए अपनी नावों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं.
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