Khandwa News: धार्मिक नगरी और अध्यात्म के रूप में मध्यप्रदेश में खंडवा का ओंकारेश्वर अब  इतिहास रचने को तैयार है. ओंकारेश्वर में अष्टधातु से बनी आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह प्रतिमा ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित की जाएगी बताया जा रहा है कि इस प्लेटफॉर्म की उचाई 54 फीट होगी . बता दें कि जिस कंपनी ने सरदार पटेल के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और दुबई की बुर्ज खलीफा जैसी इमारतों को बनाने में सहयोग किया है, उसी कंपनी को इस प्रतिमा को बनाने का काम सौंपा जाएगा. 


सीएम ने की बैठक
शंकराचार्य सांस्कृतिक एकता न्यास के न्यासी मंडल की बैठक भोपाल में शनिवार को शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुई. इसमें शंकराचार्य की प्रतिमा, संग्रहालय और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान के संबंध में चर्चा हुई. इस दौरान इस पूरे प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया. यह जानकारी खंडवा पहुंचीं प्रदेश की पर्यटन और खंडवा की प्रभारी मंत्री उषा ठाकुर ने दी.  


नाम होगा  "स्टेचू ऑफ वननेस"
मंत्री उषा ठाकुर  ने कहा कि आदि शंकराचार्य की ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इसे एकात्मता की प्रतिमा "स्टेचू ऑफ वननेस" यानि "एकता की मूर्ति" नाम दिया गया है.  प्रतिमा स्थापना सहित अन्य कार्यों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने के लिए वास्तुविद सलाहकार की नियुक्ति कर ली गई है. ओंकारेश्वर में किए गए कार्यों के बाद यहां टेंपल टाउन की छवि विकसित होगी. ओंकारेश्वर प्रकल्प के लिए 58.30 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हुई है.


अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र के रूप में होगा विकसित 
मंत्री उषा ठाकुर  ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान, अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र संदर्भ केंद्र और समन्वय केंद्र होगा. संस्थान के अंतर्गत सात केंद्र (स्कूल) स्थापित किए जा रहे हैं. इस केंद्र का मुख्य द्वार जगन्नाथ पुरी मंदिर के द्वार जैसा तैयार किया जाएगा. शेष संरक्षण पूर्वी भारत के वास्तु विद एवं कलात्मक शैली के अनुसार किया जाएगा. सात केंद्रों में आचार्य हस्तामलक अद्वैत विज्ञान केंद्र, आचार्य सुरेश्वर अद्वैत सामाजिक विज्ञान केंद्र, आचार्य तोटक अद्वैत संगीत एवं कला केंद्र, महर्षि वेदव्यास अद्वैत ग्रंथालय, आचार्य गौड़पाद अद्वैत विस्तार केंद्र और आचार्य गोविंद भगवत्पाद अद्वैत गुरुकुलम् हैं. इनमें अलग-अलग मठ और पीठ की विभिन्न रूपों में झलक भी देखने को मिलेगी.


'कमल' के आकार का होगा बेस
 मूर्ति को 'कमल' के आकार के करीब 27 फीट ऊंचे बेस पर खड़ा किया जाएगा. आदि शंकराचार्य की प्रतिमा की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 280 मीटर (918 फीट) होगी. प्रोजेक्ट की लागत करीब 2 हजार करोड़ रुपए आएगी. मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को मैनेजमेंट और निर्माण एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है. प्रस्तावित प्रोजेक्ट के अस्थायी प्रदर्शन के लिए मॉडल तैयार किया जा रहा है.


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