उज्जैन: चैत्र मास में होली के सातवें दिन शीतला सप्तमी का का त्योहार मनाया जाता है. यह तयोहार महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय है.इस दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख समृद्धि और शीतलता के लिए शीतला माता से प्रार्थना करती हैं. इस दिन पूरा परिवार ठंडा भोजन करता है. शीतला सप्तमी पर उज्जैन के सभी शीतला माता मंदिर में महिलाओं की श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली.


क्या कहना है विद्वानों का 


ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि शीतला सप्तमी लौकिक पूजन के रूप में विख्यात है. इस दिन महिलाएं ठंडा भोजन करती हैं और परिवार के अन्य लोगों को भी 1 दिन पूर्व बना हुआ भोजन परोसा जाता है.उन्होंने बताया कि घर में ज्वाला प्रज्वलित नहीं की जाती है.घर में लगने वाले दीपक में भी आग से रोशनी नहीं होती है.यह पर्व काफी लोकप्रिय होने के साथ-साथ सनातन धर्म में अपनी पैठ रखता है. 




उज्जैन के सभी शीतला माता मंदिर में महिलाओं की श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली.महिलाओं ने शीतला माता को पूजन करने के साथ-साथ भोग लगाया. इसके बाद वे प्रसाद और फूल लेकर अपने घर पहुंची.श्रद्धालु रेखा बाई ने बताया कि वे पिछले 25 साल से लगातार व्रत कर रही हैं.उन्होंने जब से होश संभाला है तबसे शीतला माता की पूजा और पूरी पद्धति का पालन कर रही हैं. उन्होंने बताया कि 1 दिन पूर्व ही घर में भोजन बना लिया जाता है.घर के सभी सदस्यों को ठंडा भोजन कराया जाता है.


मांगलिक कार्यों के दौरान भी होती है पूजा


शीतला सप्तमी पर देश भर की महिलाएं शीतला माता का पूजन करती हैं, लेकिन मांगलिक कार्यों के दौरान भी शीतला माता की पूजा का विशेष प्रावधान है.विवाह समारोह और अन्य मांगलिक कार्यों में ढोल धमाके के साथ शीतला माता का पूजन किया जाता है.इसके बाद मांगलिक कार्य संपन्न कराया जाता है.ऐसी मान्यता है कि मांगलिक कार्यों में शीतला माता का पूजन करने से सुख समृद्धि और धनधान्य का आशीर्वाद मिलता है.