Sehore News: मध्य प्रदेश के सीहोर में दो साल पहले कोरोनाकाल में 20 हजार 792 उपभोक्ताओं ने 7 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये से अधिक का बिजली का बिल जमा नहीं किया था. इस पर 1 करोड 88 लाख 56 हजार रुपये का सरचार्ज बढ़ने से कुल बकाया 9 करोड़ 55 हजार रुपये हो गया है. दो साल बाद बकाया बिल भरने के लिए सरकार की समाधान योजना आई तो अतिंम दिन तक केवल 1039 उपभोक्ताओं ने 12 लाख 47 हजार रुपये का बिल ही जमा कराया.
कोरोना काल की शुरुआत मार्च 2020 से हुई थी कुछ महीनों तक नौकरी व्यवसाय सब कुछ बंद था. इस वजह से मध्य विद्ययुत वितरण कंपनी के बीस हजार 792 उपभोक्ता ऐसे थे जो आर्थिक तंगी के चलते अप्रैल से अगस्त 2020 तक सरचार्ज सहित 9 करोड़ 55 हजार रुपये का बिजली बिल नहीं भर पाए थे. इस तरह ये लोग बिजली कंपनी के बकायेदार हो गए.
समाधान योजना के तहत दी जा रही छूट
ऐसे एक किलोवाट व सिंचाई वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मध्य प्रदेश शासन का ऊर्जा विभाग इस बकाया बिल राशि के भुगतान के लिए समाधान योजना लाया. इस योजना में उपरोक्त बकाया राशि में सम्मिलित अधिभार की शत प्रतिशत छूट देने का प्रावधान था. उपभोक्ताओं को योजना का लाभ 15 दिसंबर 2021 तक लेना था.
विद्युत वितरण कंपनी पर करोड़ो रुपय का है बकाया
सूत्रों की मानें तो करोड़ों रुपये का बकाया बिल होने के चलते अब विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी दबाव में हैं. मुख्यमंत्री का क्षेत्र होने के चलते विद्युत कर्मचारी भी उपभोक्ताओं पर वसूली को लेकर किसी भी तरह का दबाव नहीं बना सकते. बिजली कर्मियों डर है कि उन पर भी कहीं गाज ना गिर जाए.
योजना समाप्त होने के बाद अब वितरण कंपनी वसूली को लेकर फरवरी में विद्युत कनेक्शन काटने की कार्रवाई कर सकती है. बिजली कंपनी के अनुसार समाधान योजना के तहत शहरी क्षेत्र के 2800 उपभोक्ताओं से 55 लाख रुपये की वसूली की जानी थी जिसमें 15 दिसंबर तक 398 उपभोक्ताओं ने ही रुचि लेकर तीन लाख 22 हजार रुपये अपनी स्वेच्छा से कंपनी कार्यालय पहुंचकर जमा की.
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