Padma Award 2022: भोपाल के डॉक्टर एनपी मिश्रा को मरणोपरांत मिला पद्मश्री सम्मान, चिकित्सा जगत के कहे जाते थे भीष्म पितामह
चिकित्सा जगत के भीष्म पितामह कहे जाने वाले डॉक्टर एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. भोपाल गैस त्रासदी के समय डॉ एन. पी मिश्रा ने अद्वितीय योगदान दिया था.
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भोपाल: ताउम्र सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवा देकर पूरे भारतवर्ष को गौरवान्वित करने वाले महान चिकित्सक स्वर्गीय डॉक्टर एनपी मिश्रा को भारत सरकार ने मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से नवाजा है. डॉ एन. पी मिश्रा को मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत में चिकित्सा जगत के भीष्म पितामह के रूप में जाना जाता है.
दर्जनभर से ज्यादा विशेष दक्षता वाली चिकित्सकीय डिग्रियां और सैकड़ो प्रकार के महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित स्वर्गीय डॉक्टर एन.पी मिश्रा भोपाल के गौरव माने जाते हैं. भोपाल गैस त्रासदी के समय डॉ एन. पी मिश्रा के अद्वितीय योगदान को हमेशा राजधानी याद रखेगी.
डॉक्टर मिश्रा ने कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में कई किताबें लिखी है
सूत्रों के अनुसार भोपाल गैस त्रासदी की रात में उन्होंने सीनियर एवं जूनियर डॉक्टरों की टीम के साथ जबरदस्त संघर्षशील जुझारू मानवता का उदाहरण दिया था. स्वयं माइग्रेन का दंश झेलते हुए भी रात भर सैकड़ों लोगों को जीवन दान देने का अद्भुत कारनामा भी किया था. डॉक्टर मिश्रा ने कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में कई पुस्तकें लिखी हैं और आज भी उनकी लिखी हुई पुस्तकें मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई जाती है। "प्रोग्रेशन कार्डियोलॉजी" पुस्तक का विमोचन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा और प्रिंस ऑफ ब्रिटेन के द्वारा किया गया था.
मध्यप्रदेश के राज्यपालों के अधिकारिक चिकित्सक भी रहे डॉ मिश्रा
डॉ मिश्रा लंबे समय तक मध्यप्रदेश के राज्यपालों के अधिकारिक चिकित्सक भी रहे। कोरोना महामारी की दौरान भी भोपाल क्षेत्र में अपने अचूक अनुभव से उन्होंने कई युवा डॉक्टरों का मार्गदर्शन भी किया था. अपने जीवन में हजारों की संख्या में अच्छे डॉक्टर तैयार करने वाले डॉ मिश्रा गांधी मेडिकल कॉलेज में डीन भी रह चुके हैं. डॉ मिश्रा के द्वारा लाखों की संख्या में देश के कोने-कोने के मरीजों का इलाज करने का ना टूटने वाला रिकॉर्ड भी बनाया गया है.
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