MP Panchayat Election: पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज, जानिए वजह और पूरा मामला
बरेला थाना प्रभारी जितेन्द्र यादव के अनुसार मैदान में राजनीतिक प्रचार वाले पोस्टर-बैनर लगाए गए थे, जिनकी अनुमति थाने या प्रशासनिक कार्यालय से नहीं ली गई थी.
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MP Panchayat Election: जबलपुर में पंचायत चुनाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का पहला मामला दर्ज किया गया है. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में बरेला पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की है. मुख्य आरोपी बरेला जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष संजय पटेल को बनाया गया है. संजय पटेल ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक ताम झाम के साथ एक खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ करने चले गए थे.
इनकी अनुमति लेनी होती है
दरअसल आदर्श चुनाव आचार संहिता के नियमों के तहत किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम, खेलकूद और अन्य तरह की कोई भी गतिविधि करने के लिए प्रशासन और पुलिस की अनुमति जरूरी होती है. बरेला के डुंडी ग्राम पंचायत में बिना अनुमति के क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा था. पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष संजय पटेल इसका शुभारंभ करने पहुंचे थे.
बरेला थाना प्रभारी जितेन्द्र यादव के अनुसार मैदान में राजनीतिक प्रचार वाले पोस्टर-बैनर लगाए गए थे, जिनकी अनुमति थाने या प्रशासनिक कार्यालय से नहीं ली गई थी. बरेला पुलिस थाना से मिली जानकारी के मुताबिक एसडीएम के निर्देश पर स्टाफ ने डुंडी पहुंचकर जांच की और संजय पटैल व अन्य के खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.
धारा 188 क्या है
प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी ये धारा लगाई जा सकती है. यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो.
कितनी सजा का प्रावधान
अगर आप सरकार या किसी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपसे कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों हो सकता है. आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा आदि को खतरा होता है, तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों हो सकता है.
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