MP News: 'ताकी एक ही तारीख को हो सकें त्योहार...' देश भर के ज्योतिषाचार्यों से पंडित प्रदीप मिश्रा की ने की ये अपील
Sehore News: पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपील करते हुए कहा कि हमारे पंचागों का निर्माण होता है तो उस समय सुझाव जरूर दें, जिससे हमारे सनातन धर्म के त्यौहार एक तिथि पर हो सकें.
Pandit Pradeep Mishra: देशभर में इस बार रंगों का पर्व होलिका उत्सव की दो तिथि को लेकर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक व सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने देश भर के ज्योतिषाचार्यों से एक अपील की है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमारे ज्योतिषाचार्य, हमारी भारत में भूमि बहुत ही विद्वान साधु सन्यासी रहते हैं, उनसे इतना ही निवेदन करना चाहूंगा कि हमारे सनातन धर्म के जो दो त्यौहार होते हैं, उसको एक करने का प्रयास करें. एक करने से हमारे सनातन धर्म के सभी कार्यक्रम बड़े आनंद के साथ उत्साह के साथ संपन्न होंगे.
'जरूर दें अपने सुझाव'
पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपील करते हुए कहा कि हमारे कार्यक्रम एक तिथि के होते हैं तो उसमें आनंद की लहर होती है. कहीं तारीख को होली जल गई, कहीं सात तारीख को होली जल रही है. इसलिए ज्योतिषाचार्यों से इतना ही कहना चाहूंगा कि जब भी हमारे पंचागों का निर्माण होता है, कलेंडर का निर्माण होता है. उस समय पर आप सभी के सुझाव वहां पहुंचना चाहिए, जिससे हमारे सनातन धर्म के त्यौहार एक तिथि पर हो सके. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि दुनिया में भारत अपने त्योहारों के लिए एक अलग पहचान रखता है, यूं तो हर त्योहार प्रेम और सद्भावना से जुड़े हैं. कई बार दो तिथियों को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन की स्थिति होती है. इसलिए संशय को दूर करने के लिए मंथन होना चाहिए.
'मंथन की जरुरत'
सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि होली, दीपावली, दशहरा आदि व्रत.पर्व को लेकर मतभिन्नाता और संशयों पर मंथन हो. हमारे सभी ज्योतिष और विद्वानों को एक राय होकर पूरे देश का एक पंचाग बनना चाहिए, इससे संशय दूर हो सकता है. जब भी साल का पंचाग और कलेंडर आदि का निर्माण उसमें एक मत होना चाहिए, जिससे होली, दीपावली, दशहरा, रामनवमी, गंगादशमी, बसंत पंचमी, निर्जला एकादशी, अधिकमास या पुरुषोत्तम मास के बारे में विस्तृत चर्चा कर निर्णय लिए जा सकते हैं. ऐसे ही पंचांगकर्ताओं की एक साल पहले बैठक कर पर्व, त्योहार आदि पर निर्णय करें तो भ्रांतियां दूर हो सकती हैं, जिससे हमारे सभी पर्व एक साथ पूरे आस्था और उत्साह के साथ मनाए जा सके.
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