Madhya Pradesh News: पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने सनातन धर्म पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया है. पंडित प्रदीप मिश्रा इंदौर (Indore) में एक आयोजन के बाद पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि संत वो होना चाहिए जो राष्ट्र की बात करे. अगर राजनीति में आए तो वो राष्ट्रहित की बात करे. देश में ऐसे कई संत आए जो राजनीति में आए तो देशहित की बात करते दिखे, लेकिन वो राष्ट्र को कुछ नहीं दे सके. दरअसल, पंडित प्रदीप मिश्रा ने संतों पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि संत राजनीति में आएं तो उनका स्वागत है. संत देशहित की बात करते हैं, लेकिन कुछ संत ऐसे भी आए हैं जिन्होनें अपना ही भरणपोषण किया देशहित की बात नहीं की. ऐसे संतों का राजनीति में आने का मकसद केवल अपना पेट भरना ही था.
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा "सनातनी वो है जो राष्ट्रहित की बात करे. इसमें बीजेपी और कांग्रेस न देखें. सनातनी देशभाव लेकर चलता है. देश में सनातन धर्म को साथ लेकर चलना जरूरी है. आज बच्चे समय के साथ बदल रहे हैं. बच्चों को संस्कार देने का काम सनातन धर्म कर रहा है."
'पहले उनके बाप दादा का इतिहास निकाला जाए'
सनातन के खिलाफ जाने वालों के लिए उन्होंने कहा कि पहले उनके बाप दादा का इतिहास निकाला जाए और देखा जाए कि क्या वे सनातनी थे या नहींं. सजा देने की बात पर उन्होनें कहा कि हम इतने बड़े नही हैं कि उन्हें सजा क्या दी जाए ये बताएं, लेकिन भोलेबाबा के निवेदन करेंगे कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि जरूर दें.
ओंकारेश्वर में एकात्मधाम के मूर्ति की उंचाई और स्थान चयन को लेकर उन्होनें कहा कि शंकराचार्यों ने अगर निर्णय लिया है तो कुछ सोच कर लिया है और उसका सम्मान करना चाहिए और ऐसी कोई समस्या नहीं है कि जिसका समाधान न हो. भारत और इंडिया पर छिडे़ विवाद पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भारत आज से नही अनादिकाल से है. इंडिया तो अंग्रेजों की देन है. भारत तो भारत है ही. वही जब हम भारत कहते थे तो अंग्रेजों को शर्मिंदगी महसूस होती थी. भारत कहने पर हमें गर्व की अनुभूति होती है.