(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पंडित प्रदीप मिश्रा के फिर बिगड़े बोल, राधा रानी के बाद अब गोस्वामी तुलसीदास को लेकर कह दी ये बात
Pandit Pradeep Mishra Video: पंडित प्रदीप मिश्रा अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. पहले राधा रानी के जन्मस्थान को लेकर और अब गोस्वामी तुलसीदास को लेकर उन्होंने बड़ा बयान दिया है.
Pandit Pradeep Mishra on Tulsidas: कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा राधारानी के विवाह और उनके जन्म स्थान को लेकर जारी बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इस बयान पर संत प्रेमानंद महाराज ने कड़ी नाराजगी जताई थी. यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब पंडित प्रदीप का एक नया वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में प्रदीप मिश्रा गोस्वामी तुलसीदास को "गंवार" कहते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, यह वीडियो कब का है इस बात की पुष्टि एबीपी न्यूज नहीं करता.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा कहते नजर आ रहा हैं कि "मैं तुलसीदास की तरह बिल्कुल गंवार हूं." बता दें गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान कवि थे. उनका जन्म सोरो शूकरक्षेत्र, वर्तमान में कासगंज (एटा) उत्तर प्रदेश में हुआ था. कुछ विद्धान उनका जन्म राजापुर जिला बांदा (वर्तमान में चित्रकूट) में हुआ मानते हैं.
गोस्वामी तुलसीदास को काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतान भी माना जाता है. श्रीरामचरित मानस का कथानक रामायण से लिया गया है. रामचरित मानस लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है. इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्वपूर्ण काव्य है.
राधारानी विवाद के बाद अब नई मुसीबत में फंसे सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा
— Nitinthakur (Abp NEWS) (@Nitinreporter5) June 18, 2024
बोले, "मैं तुलसीदास की तरह बिल्कुल गंवार हूं"
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो @ABPNews @abplive pic.twitter.com/nEvg69IBOL
इस बात पर छिड़ी बहस
बता दें बीते दिनों अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक के एक वायरल वीडियो पर प्रेमानंद महाराज ने नाराजगी जताई थी. दरअसल सोशल मीडिया पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधारानी को लेकर कहा कि "राधारानी बरसाना की रहने वाली नहीं थीं और श्रीकृष्ण की पत्नियों में राधा का नाम नहीं है. राधा जी के पति का नाम अनय घोष था. उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. जबकि राधा जी की शादी छात्रा गांव में हुई थी."
कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं से पूछा कि "बताओ राधा जी कहा कि है, जिस पर जवाब आया कि बरसाना की. श्रद्धालुओं को जवाब देते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि बरसाना नहीं रावल गांव की रहने वाली थीं राधा जी. बरसाने में राधा जी के पिता जी की कचहरी थी. राधा साल में एक बार कचहरी पर जाती थीं. इसलिए उसका नाम बरसाना है कि बरस में एक बार आना."
प्रेमानंद महाराज हुए थे नाराज
पंडित प्रदीप मिश्रा के इस वक्तव्य पर प्रेमानंद जी महाराज नाराज हो गए थे और उन्होंने वीडियो जारी कर पंडित प्रदीप मिश्रा को जवाब दिया था कि "तुम किस राधा की बात करते हो. अभी राधा को तुम जानते कहा हो, अगर जान जाओगे तो आंसुओं से वार्ता होगी. वह प्रकट हुई और सदा प्रकट हैं."
उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा के लिए कहा कि "कभी बरसाना गए हो, कभी देखे हो. तुम्हें कैसे बताऊं कि राधा जी क्या हैं. तुम कितने ग्रंथ पढ़े हो, सिर्फ चापलूसी संसार वाले को रिझा सकते हो. श्रीजी के बारे में ऐसा मत बोलो उनकी शक्ति नहीं जानते हो. राधा जी भोली हैं, लेकिन उनके सेवक काल है. श्रीजी के बारे में ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी."
पंडित प्रदीप मिश्रा ने दिया ये जवाब
प्रेमानंद महाराज की टिप्पणी के बाद कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी जवाब दिया था. उनके वायरल वीडियो में वह कहते सुनाई दे रहे हैं कि "हमारा तो निवेदन है कि जो अपशब्द कहने वाले हैं, आपने पूरी वीडियो सुनी ही नहीं, जो वीडियो काटकर चलाई गई है वह वीडियो 14 साल पहले की है. 14 वर्ष पहले जो कथा हमने कमलापुर में कही थी."
"कमलापुर की कथा पूरी निकालकर सुनना, उसमें हमने राधा जी के विवाह का वर्णन भगवान श्री कृष्ण के साथ भी किया है. बह्मा जी को जब श्राप लगा तब ब्रह्मजी ने नारद जी के कहने पर राधा जी का विवाह श्री कृष्ण से कराया. इस विवाह को केवल ब्रह्माजी, नारद जी, राधा जी और सिर्फ कृष्ण ही जानते हैं, इसके सिवा उस विवाह को कोई नहीं जानता."
उन्होंने आगे कहा कि "अब लोग हमसे कह रहे हैं कि आपने कैसे कह दिया, तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप पढ़िए, पढ़ नहीं सकते तो ब्रज 84 कोस की यात्रा पर जाइए. ब्रज 84 कोस में कोकिला वन में जाइए और कोकिला वन में कोसी के पास में जाव गांव जाइए और जाव गांव में अनय घोष, जटिला, कुटिला, राधा जी और कृष्ण जी का मंदिर भी है, जो आज भी ब्रज 84 कोस में विराजमान है."
"अब लोग कह रहे हैं कि आपने कहां से कह दिया यह प्रसंग तो ब्रह्मदेवत्व पुराण के 271 पेज पर 49 नंबर के अध्याय में राधा रानी के विवाह का प्रसंग वर्णित हैं.अपशब्द कहने वाले अपशब्द कहते रहेंगे और भगवान शंकर की कथा चलती रहेगी." इसके बाद फिर प्रेमानंद महाराज ने जवाब दिया था.