पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, हाथरस जैसी घटना से निपटने के लिए किए गए ये काम
Pandit Pradeep Mishra News: हर साल की इस बार भी कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है. हाथरस जैसी घटना से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं.
Pandit Pradeep Mishra Katha: कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के इंदौर-भोपाल हाईवे स्थित कुबेरेश्वर धाम पर आज रविवार (14 जुलाई) से आस्था के महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा 14 जुलाई से 20 जुलाई तक शिव महापुराण कथा का वाचन करेंगे.
आयोजन को लेकर देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. हाथरस सत्संग में हुई भगदड़ की घटना को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. कुबेरेश्वर धाम में अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है.
कथा का क्या है शेड्यूल?
जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी आज से गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.
इस मौके पर सात दिवसीय शिव महापुराण दोपहर एक बजे से चार बजे तक होगा और एक दिवसीय कार्यक्रम 21 जुलाई को दीक्षा महोत्सव का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में किया जाएगा.
मौके पर 500 से अधिक जवान
कथा स्थल पर एक दिन पूर्व शनिवार (13 जुलाई) की सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और पार्किंग आदि के लिए पुलिस विभाग की ओर से 500 से अधिक जवानों तैनात है.
इसके अलावा नगर पालिका, जनपद, स्वास्थ्य विभाग, मध्य प्रदेश वितरण कंपनी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के जरिये भी उचित व्यवस्था की जा रही है.
दो श्रद्धालु के कथा सुनने की व्यवस्था
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शनिवार को ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंच गए थे. जबकि आज रविवार को भी सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है.
प्रदेश ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु आ रहे हैं. कथा स्थल पर तीन भव्य पंडाल बनाए गए है, जिसमें दो लाख से अधिक श्रद्धालु बैठकर कथा का श्रवण कर सकते हैं. इसके अलावा भोजनशाला आदि के लिए भी अनेक पंडाल बनाए गए है.
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