Panna News: पन्ना के बुजुर्ग शिक्षक ने पेश की मिसाल, दान की जीवन भर की कमाई, गरीब बच्चों की शिक्षा पर होगा खर्च
Panna News: पन्ना में एक शिक्षक ने मिसाल पेश की है. जीवन भर की कमाई गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने के लिए दान कर दी. विजय कुमार चंदसोरिया की दान की गई राशि गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी.
Panna News: कोरोना काल में जहां एक तरफ लोग रुपयों की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं एक दयालु शिक्षक ने जीवन भर की कमाई उन गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए सौंप दी. पन्ना का शिक्षक विजय कुमार चंदसोरिया देश में मिसाल बन चुका है. शासकीय नौकरी का आकर्षण इसलिए भी है कि सेवानिवृत्ति के बाद मोटी रकम ग्रेजुएटी और प्रोविडेंट फंड के रूप में मिलती है. रकम से परिवार का भविष्य वृद्धावस्था में संवारना संभव हो जाता है.
ऐसा सपना देश के करोड़ों कर्मचारी देखते हैं और अधिकांश कर्मचारी सपने को पूरा करने में सफल भी हो जाते हैं. लेकिन संकुल केन्द्र रक्सेहा की प्राथमिक शाला खदिंया में विजय कुमार चंदसोरिया ने वृद्धावस्था में परिवार का नहीं बल्कि गरीब बच्चों का सपना पूरा किया है जो राशि के अभाव में फीस नहीं भर पाते हैं और शिक्षा पूरी करने से वंचित रह जाते हैं.
शिक्षक ने गरीब बच्चों के लिए दान किया पीएफ का 40 लाख
सेवानिवृत्ति के बाद विजय कुमार चंदसोरिया ने परिवार की सहमति से 40 लाख रुपए का पीएफ और अन्य कोष की रकम विद्यालय को सौंप दी. इस राशि से गरीब बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराई जाएगी. शिक्षक शुरू से ही गरीब विद्यार्थियों की मदद करते आए हैं लेकिन उनका सपना देखा था कि सेवानिवृत्ति के बाद मोटी रकम विद्यार्थियों का भविष्य संवारने में लगाएंगे. सपने को उन्होंने पूरा कर दिया है. इस काम में परिवार के सदस्यों और पत्नी ने भी पूरा सहयोग किया. शिक्षक विजय कुमार चंदसोरिया साल 1983 में शिक्षा विभाग में भर्ती हुए थे. उन्होंने 39 साल तक शासकीय सेवा की.
रिटायर होने पर विद्यालय की तरफ से शानदार स्वागत किया गया. शिक्षा जगत के लिए विजय कुमार एक जीती जागती मिसाल बन गए हैं. उनकी दयालुता चर्चा का विषय बन गई है और अधिकारी भी निवास पर सम्मान करने के लिए पहुंच रहे हैं. शिक्षक विजय कुमार चंदसोरिया खुद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने गरीबी में जीवन यापन किया और काफी निर्धन अवस्था में पढ़ाई की. इस दौरान उन्हें काफी कठिनाई का सामना भी करना पड़ा. इस प्रकार की कठिनाई किसी और को न उठाना पड़े, इसके लिए उन्होंने जीवन की सारी बचत न्योछावर कर दी.