Tiger P-111 Died: पन्ना के जंगल में राज करने वाले बाघ की मौत, 18 महीने की उम्र में ही शिकार करने में हो गया था माहिर
Tiger P-111 Died: बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत बांधवगढ़ से टी-1 बाघिन लाई गई थी. साथ ही पेंच से टी-3 बाघ को पन्ना शिफ्ट किया गया था. करीब एक साल बाद 16 अप्रैल 2010 को पहले शावक का जन्म हुआ था.
Tiger P-111 Died: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) को आबाद करने वाले बाघ पी-111 (Tiger P-111) की मौत हो गई है. गुरुवार की सुबह उसका शव संदिग्ध परिस्थितियों में पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में राजा बरिया बीट से गुजरने वाली पन्ना-कटनी सड़क के किनारे मिला. डॉक्टरों के मुताबिक 12 साल के इस बाघ की मौत बीमारी की वजह से हुई है. पोस्टमॉर्टेम करने वाले डॉक्टर फिलहाल इस बाघ की मौत का कारण किडनी फेल बता रहे हैं. इसका बिसरा लेकर सागर, जबलपुर और बरेली फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं. अब रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि मौत की वजह क्या है.
इस बीच शाम को ही बाघ का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पन्ना टाइगर रिजर्व में इस बाघ का जन्म बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत हुआ था और हर साल 16 अप्रैल को इसका जन्मदिन मनाया जाता था. यह डील-डौल और कद में पन्ना टाइगर रिजर्व सबसे बड़ा बाघ था. इसकी एक झलक पाने के लिए पर्यटक बेताब रहते थे. इसने पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की वंश की बढ़ोतरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. दरअसल 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं रह गया था, जिसके बाद बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत बांधवगढ़ से टी-1 बाघिन लाई गई थी.
18 महीने में ही शिकार करने में हो गया था माहिर
इसके साथ ही पेंच से टी-3 बाघ को पन्ना शिफ्ट किया गया था. करीब एक साल बाद 16 अप्रैल 2010 को पहले शावक का जन्म हुआ, जिसे पी-111 नाम दिया गया था. इसके अलावा 3 शावकों का जन्म हुआ था. यह बाघ 18 महीने तक अपनी मां के साथ रहकर शिकार में माहिर हो गया और अपना इलाका बनाकर रहने लगा था. इसने डेढ साल बाद खुद की टेरेटरी बनाते हुए तारगांव पठार इलाके पर कब्जा कर लिया था, बाद में अकोला बफर जोन पर भी इसका ही राज था.
चार माह के शावक का भी मिला शव
दूसरी तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर जोन में बीती शाम को चार माह के शावक का शव मिला है. टाइगर रिवर्ज के बीट गार्ड ने इसको देखा था. बाद में जानकारी मिली कि यह शावक बाघिन टी-234 का था. चार महीने पहले इस बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया था, यह उन्हीं में से एक था. किसी बाघ ने बाघिन से मेटिंग में बाधा के चलते इसे मार दिया होगा. बाघ परिवार में यह सामान्य घटना बताई जा रही है.
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