MP News: टाइगर स्टेट में ही सेफ नहीं हैं Tiger! एक महीने में करंट से दूसरे बाघ का हुआ शिकार
Panna News: मध्यप्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क में लगातार बाघों का शिकार किया जा रहा है. एक महीने के अंदर दूसरा बाघ का शिकार किया गया है. जिसे शिकारियों ने बिजली का करंट लगाकर शिकार बनाया है.
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क (Panna Tiger Reserve) में बाघ (Tiger) मर रहे है. एक माह के भीतर दूसरी बार बाघ का शिकार किया गया है. बुधवार को किशनगढ़ रेंज की बसुधा बीट में दो साल के मेल टाइगर का शव मिला. पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा के मुताबिक शिकारियों (Hunters) ने टाइगर को करंट लगाकर मारा है. फिलहाल शिकार के इस मामले में किसी की गिरफ्तारी (Arrest) नहीं हुई है. पन्ना में 58 वयस्क बाघ बचे हैं, जबकि 20 शावक हैं.
पन्ना नेशनल पार्क से पहले भी विलुप्त हो गए थे बाघ
यहां बता दे कि पन्ना नेशनल पार्क में एक समय टाइगर विलुप्त हो गए थे. शिकार के कारण यहां के जंगल से टाइगर गायब हो गए. बाद में बांधवगढ़ नेशनल पार्क से मेल-फीमेल टाइगर ला कर पन्ना के जंगलों में फिर से टाइगर आबाद किए गए थे. लेकिन एक बार फिर पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के शिकार का सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है. बुधवार को किशनगढ़ रेंज (Kishangarh Range) की बसुधा बीट में दो साल के नर बाघ का शव मिला.
करंट लगाकर मारा गया बाघ
पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर (Field Director) बृजेंद्र झा के मुताबिक शिकारियों ने बाघ को करंट लगाकर मारा है. बिजली के तार की चपेट में एक मादा सियार भी आ गई. इस टाइगर रिजर्व में बीते एक माह में दो और दो साल में चार बाघों की मौत हो चुकी है. वहीं, 6 दिसंबर 2022 को पन्ना नेशनल पार्क के विक्रमपुर बीट में एक बाघ का शव फांसी पर लटका मिला था. बिजली का करंट (Electric Current) दौड़ रहे तार के फंदे में फंस जाने से इस बाघ की मौत हो गई थी. शिकार के इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दावा किया गया कि जंगली जानवर से अपनी फसल के बचाव के लिए उन्हें करंट दौड़ती तार की फेंसिंग की थी. धोखे से उसमें बाघ फंस गया था.
बाघिन पी-111 से शुरू हुई थी बाघों को आबाद करने की योजना
दरअसल, पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के फिर दहाड़ने की कहानी बाघिन पी-111 से शुरू हुई थी. साल 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था. पन्ना में बाघों को फिर से आबाद करने के लिए बाघ पुनर्स्थापना योजना शुरू की गई थी. इसके तहत 4 मार्च 2009 को बांधवगढ़ से बाघिन टी-1 पन्ना लाई गई थी. इस बाघिन का पेंच टाइगर रिजर्व से पन्ना लाए गए नर बाघ टी-3 से मेटिंग हुई. दोनों के मेल के बाद बाघिन टी-1 ने 16 अप्रैल 2010 की रात धुंधुआ सेहा में चार शावकों को जन्म दिया. इन्हीं शावकों में पहला शावक पी-111 था. पन्ना में इसी शावक के जन्म से टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने की सफलता की कहानी शुरू हुई थी. इसीलिए पार्क में हर साल 16 अप्रैल को धूमधाम के साथ बाघ पी-111 का जन्मदिन मनाया जाता था. उसे राजा बरिया का राजा कहकर पुकारा जाता था. बाघों के कुनबे में सबसे डोमिनेंट यह बाघ गुरुवार 09 जून 2022 को पार्क के कोर एरिया में पन्ना-कटनी रोड के किनारे संदिग्ध हालत में मरा मिला था.
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