MP News : पैरा मेडिकल छात्रवृत्ति घोटाला मामला, हाई कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने एक दिन में वसूली इतनी रकम
MP Scholarship Scam : मामले में जांच के बाद प्रदेश में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी. निजी पैरामेडिकल कॉलेजों से रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे. लेकिन, वसूली लंबित है.
Jabalpur High Court : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship Scam ) में शामिल पैरा मेडिकल कालेजों (Para Medical Colleges) से एक दिन में 90 लाख रुपये वसूल कर लिए. हाईकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की. फिलहाल सरकार ने पूरी रकम की वसूली के लिए हाई कोर्ट से 10 दिन की मोहलत हासिल कर ली है.
24 करोड़ रुपये का है घोटाला
यहां बता दें कि प्रदेश के 100 से ज्यादा पैरामेडिकल कालेजों द्वारा 24 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में बुधवार को फिर से सुनवाई हुई. सरकार की तरफ से एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करते हुए बताया गया कि एक दिन में ग्यारह कालेजों से 90 लाख रुपये की रिकवरी की गई है.
इन कॉलेजों को किया गया सील
हाई कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि जबलपुर के बालाजी इंस्टीट्यूट, जबलपुर इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज, सेंट्रल इंस्टीट्यूट, मीनाक्षी अकेडमी इंस्टीट्यूट, एसपीआई पीएमटी पैरामेडिकल महाविद्यालय सदर, शौर्य इंस्टीट्यूट, रेवांचल ज्ञान प्रबोधिनी, एमएम कॉलेज आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल साइंस कॉलेज, महाकौशल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज को सील कर दिया गया है. इंदौर जिले के 7 पैरामेडिकल कॉलेजों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया है.
बाकी वसूली के लिए मांगा 10 दिन का समय
प्रदेश भर में हुई सभी जगह की कार्रवाईयों का ब्यौरा देते हुए सरकार ने बाकी वसूली के लिए हाई कोर्ट से 10 दिनों का समय मांगा. सरकार की तरफ से 10 दिन में शेष रिकवरी का आश्वासन भी कोर्ट को दिया गया. इस आधार पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की डबल बेंच ने अगली सुनवाई 10 मई के लिए नियत की है. कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट रूप से कहा है कि पूरी वसूली न होने पर अगली सुनवाई में कोई रियायत नहीं बरती जाएगी.
जनहित याचिका पर आया हाई कोर्ट का आदेश
दरअसल,मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका पर बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. सुबह के समय सरकार ने एक रिपोर्ट पेश कर बताया कि एक संस्था से 4 लाख तथा 1 अन्य से 76 हजार रुपए वसूल किए गए हैं. शेष बचे हुए पैरामेडिकल संस्थाओं से वसूली हेतु आरआरसी तथा कुर्की वारंट भी जारी किए जा चुके हैं.
कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए इसी दिन दोपहर 2 बजे पुनः केस की सुनवाई नियत की थी. लंच के बाद सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि 2 कॉलेजों के बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं. अन्य के खिलाफ भी त्वरित रूप से कार्रवाई की जा रही है.इसके बाद कोर्ट ने सरकार को बची हुई राशि वसूलने के लिए एक दिन की मोहलत दी थी.
क्या था याचिका में
यहां बता दें कि जनहित याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेशित दिखाकर सरकार से करीब 24 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति की राशि हड़प ली थी. इस मामले में शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई थी, वे कभी एग्जाम में बैठे ही नहीं थे. इसके अतिरिक्त एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों में एक ही समय पर छात्रवृत्ति निकाली गई थी.
100 से अधिक कॉलेजों पर हुई थी एफआईआर
मामले में जांच के बाद प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी. पूरे प्रदेश में निजी पैरामेडिकल कॉलेजों से करोड़ों रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे. लेकिन, अधिकारियों और कॉलेजों की मिलीभगत से अभी तक वसूली लंबित है. हाई कोर्ट की सख्ती के बावजूद सरकार का रवैया ढुलमुल रहा है.
हाई कोर्ट के बार-बार के आदेश के बावजूद सरकार 24 करोड़ में से सिर्फ 4 करोड़ रुपये वसूल कर पाई थी. बताया जाता है कि अधिकांश पैरामेडिकल कालेज सत्ता से जुड़े रसूखदार लोग चलाते हैं.
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