Jabalpur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 27 जून को मध्य प्रदेश प्रवास के कार्यक्रम में थोड़ा फेरबदल हो रहा है.प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी का धार जानें का कार्यक्रम कैंसिल हो रहा है,उसकी जगह वे शहडोल में सिकल सेल एनीमिया से जुड़े बड़े कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. कहा जा रहा है कि आदिवासी वोटों के हिसाब से पीएम मोदी का धार की बजाय शहडोल ज्यादा प्रभावशाली रहेगा. इसी वजह से सिकल सेल एनीमिया से जुड़े कार्यक्रम के लिए शहडोल का चुनाव किया गया है.


क्या है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम


यहां बता दें कि शहडोल जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष विमान दिल्ली से उड़कर जबलपुर के डुमना विमानतल पर लैंड करेगा. यहां से हेलीकॉप्टर द्वारा वे शहडोल पहुंचेंगे.वापसी में पीएम मोदी जबलपुर आकर विशेष विमान से भोपाल के लिए रवाना होंगे. 


प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को अब धार की जगह शहडोल में आयोजित सिकल सेल एनीमिया के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.सरकार और स्थानीय प्रशासन के स्तर पर कार्यक्रम की तैयारी शुरू हो गई है.सिकल सेल एनीमिया की बीमारी आदिवासी इलाकों में ज्यादा पाई जाती है.मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल इस बीमारी के उन्मूलन के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं.माना जा रहा है कि शहडोल में सिकल सेल एनीमिया से जुड़े कार्यक्रम में पीएम मोदी की उपस्थिति राज्यपाल मंगू भाई पटेल के कारण ही सुनिश्चित हो रही है. 


पहले क्या था पीएम मोदी का कार्यक्रम


यहां बतातें चले कि पहले पीएम मोदी धार में यह कार्यक्रम करने वाले थे. इसके बाद सीधे भोपाल आने वाले थे.अब वे शहडोल से भोपाल आएंगे.भोपाल में बीजेपी के बूथ के नेताओं की डिजिटल रैली को संबोधित करने के साथ पीएम मोदी भोपाल-इंदौर और भोपाल-जबलपुर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाएंगे. मोदी के कार्यक्रम की तैयारी के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष 17 जून को भोपाल पहुंच रहे हैं.वे बूथ के नेताओं की डिजिटल रैली की तैयारियों की समीक्षा करेंगे.


क्या है सिकल सेल एनीमिया


हीमोग्लोबिनोपैथी लाल रक्त कोशिकाओं का एक अनुवांशिक रोग है. इसमें मुख्य रूप से सिकल सेल एनीमिया और थैलेसिमिया शामिल है. सिकल सेल एनीमिया ऐसा रक्त विकार है,जिसमे लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती हैं.इसके कारण एनीमिया और अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो- ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि की बीमारी और यहां तक की पीड़ित के मौत तक की आशंका रहती है. सिकल सेल के रोगी दो प्रकार के होते है.सिकल सेल वाहक (लक्षण रहित/मंद लक्षण) और सिकल सेल रोगी (गंभीर लक्षण). सिकल सेल वाहक में गंभीर लक्षण नहीं होते किन्तु यह एक असामान्य जीन को अगली पीढ़ी में संचारित करता है.सिकल सेल की पहचान विशेष रक्त जांच से की जा सकती है.


मध्य प्रदेश में कहां-कहां फैली है यह बीमारी


मध्य प्रदेश में मुख्यतः अलीराजपुर, अनूपपुर, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, धार, डिंडोरी, होशंगाबाद, जबलपुर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मंडला, रतलाम, सिवनी, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली व उमरिया सिकल सेल एनीमिया से सबसे ज्यादा प्रभावित है.


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