Patwari Examination: पटवारी भर्ती परीक्षा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों पर सीएम शिवराज ने लगाई रोक, जानिए वजह
Patwari Examination: सीएम शिवराज ने पटवारी भर्ती परीक्षा पर लग रहे आरोपों और प्रदर्शन को देखते हुए फिलहाल नियुक्तियों पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है. यहां पढ़ें पूरी डिटेल.
MP News: कर्मचारी चयन मंडल द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम पर संदेह और एमपी में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. इस पूरे मामले में जांच के भी आदेश दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे आदेश जारी होगा. गौरतलब है कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं भर्ती पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में एक ही सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त करते हुए गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे.
इस पूरे मामले में कांग्रेस भी सड़क पर उतर गई थी. दूसरी तरफ युवा बेरोजगारों द्वारा भी पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जा रहे थे. इसी के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एक्शन लिया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है कि "कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं. सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा."
युवा बेरोजगारों का आक्रोश झेलना मुश्किल
चुनावी साल में युवा बेरोजगारों द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा में लगाए जा रहे आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गंभीर नजर आए. विदित है कि भर्ती परीक्षा को लेकर इंदौर में प्रदर्शन हुआ था. हजारों की संख्या में युवा बेरोजगारों ने सड़क पर उतरकर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए.
उन्होंने यह तक कहा कि योग्य में उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाया जबकि टॉप टेन की सूची में एक ही सेंटर के कई उम्मीदवार चयनित हो गए. इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया में कई लापरवाही को लेकर भी आरोप लगाए गए.
कांग्रेस ने भी आरोपों का किया समर्थन
पटवारी भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों के समर्थन में कांग्रेस भी खुलकर सामने आ गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए इसे कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया का तीसरा बड़ा घोटाला करार दिया. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी इसे व्यापम- तृतीय की श्रेणी देते हुए शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश की. हालांकि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को सही बताते हुए आरोपों को झूठा बताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि एक ही सेंटर के कई उम्मीदवार चयनित हुए हैं लेकिन सभी ने अलग-अलग समय पर परीक्षा दी है. इस दलील के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.