MP News: एमपी में यह कैसी शराब नीति? अहाते बंद हुए तो स्कूल और अस्पताल के पास शराब पीकर झूम रहे लोग
Madhya Pradesh News: एमपी में एक अप्रैल से नई शराब नीति लागू हो गई है. इस शराब नीति के अनुसार रिहायशी इलाकों, अस्पताल और स्कूलों के पास शराब की दुकानें नहीं खुलनी थी, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा.
Madhya Pradesh Liquor Policy: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने शराब नीति में बदलाव कर भले ही मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती को खुश करने का प्रयास किया हो, लेकिन एमपी की यह शराब नीति अब आम नागरिकों के लिए मुसीबत का सबब गई है. दरअसल, नई शराब नीति के चलते अहाते बंद कर दिए हैं, तो वहीं स्कूल, अस्पताल और रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खुल गई हैं. स्थिति यह है कि अब स्कूल, अस्पताल के पास और रिहायशी इलाकों में शराब पीकर लोग झूमते नजर आ रहे हैं. इन इलाकों में खुली शराब की दुकानों को लेकर राजधानी भोपाल में जमकर विरोध हो रहा है. लोगों ने शराब दुकानों के सामने ही सुंदरकांड पर पाठ किया साथ ही शराबियों को दूध के पैकेट भी बांटे.
बता दें कि मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से नई शराब नीति लागू हो गई है. इस शराब नीति के अनुसार रिहायशी इलाकों, अस्पताल और स्कूलों के पास शराब की दुकानें नहीं खुलनी थी, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. राजधानी भोपाल में ही चार दुकानें ऐसी हैं जो स्कूल, अस्पताल के पास और रिहायशी इलाकों में खोली गई हैं. इन दुकानों की वजह से यहां रहने वाले लोग काफी असहज महसूस कर रहे हैं. इन इलाकों में महिलाओं का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. इन शराब दुकानों का अब जमकर विरोध भी हो रहा है. लोगों ने शराब की दुकान के सामने ही बैठकर सुंदरकांड का पाठ किया तो वहीं शराब की दुकानों पर शराब लेने आए लोगों को दूध के पैकेट बांटे, इतना ही नहीं शराब बेच रहे दुकानदारों को महिलाओं ने विरोध स्वरूप गुलाब के फूल भेंट किए.
उमा भारती खुश, जनता नाखुश
दरअसल, बीते दो-ढाई सालों से शराब की दुकानों को लेकर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जमकर विरोध दर्ज करा रहीं थी. उमा भारती शराब की दुकानों को देखते ही पत्थर मार रही थीं, तो कभी शराब की मधुशालाओं को गौशालाओं में परिवर्तित कर रहीं थी. उमा भारती के शराब अभियान को जनता का भी समर्थन मिल रहा था.
उमा भारती के आक्रोश को देखते हुए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने उमा भारती को एक अप्रैल से शराब नीति में बदलाव का आश्वासन दिया था. शिवराज सरकार ने किया भी वही, एक अप्रैल से एमपी में सभी अहाते बंद कर दिए गए तो वहीं स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों के पास और रिहायशी इलाकों में शराब दुकानें नहीं खोले जाने के निर्देश भी दिए. हालांकि मप्र सरकार के इन आदेशों का सही ढंग से पालन आबकारी विभाग नहीं करा सका. प्रदेश की राजधानी भोपाल में ही शराब की चार दुकानें गलत स्थानों पर खुल गई हैं.
इन दुकानों का विरोध
एमपी की राजधानी भोपाल में शराब की चार दुकानों का जमकर विरोध हो रहा है. इन दुकानों में शाहजहांनाबाद स्थित रामनगर की शराब दुकान. इसी तरह कोलार रोड के नयापुरा क्षेत्र में बीते चार दिन से शराब की दुकान टेंट में चल रही है. यह दुकान मेन रोड से महज 50 फीट की दूरी पर है. इधर करोंद चौराहे के पास भी यही हाल है. रिहायशी इलाके में यहां भी शराब की दुकान शिफ्ट हो गई है. चौथी दुकान शाहपुरा में टेंट और सडक़ पर ही शराब बिक रही है. सडक़ पर लग रही शराबियों की भीड़ की वजह से आवागमन अवरुद्ध हो रहा है.
विरोध में किया सुंदरकांड
रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानों का विरोध लोगों ने धार्मिक रूप से किया है. शराब की दुकानों के सामने ही लोगों ने सुंदर कांड का पाठ किया तो वहीं शराब लेने आए शराबियों को दूध के पैकेट वितरित किए, जबकि शराब दुकानदारों को महिलाओं ने विरोध स्वरूप गुलाब के फूल भेंट किए हैं.
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