Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीते 14 विधायकों को अगले कुछ सालों तक कानूनी दांव-पेंच में उलझे रहना पड़ेगा. विधानसभा चुनाव हारे उम्मीदवारों सहित कई लोगों ने प्रदेश के 14 विधायकों के निर्वाचन को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी है. लगभग सभी विधायकों पर अनैतिक तरीके अपना कर चुनाव जीतने का आरोप इन याचिकाओं में लगाया गया है.


दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 17 नवंबर 2023 को मतदान हुआ था, जिसके नतीजे तीन दिसंबर 2023 को घोषित किए गए थे. नियम के अनुसार चुनाव नतीजे घोषित करने के 45 दिन के भीतर निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की जा सकती है. इस हिसाब से शुक्रवार को विधायकों के निर्वाचन को चुनौती देने का आखिरी दिन था. 


इन 45 दिनों में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ के अलावा इंदौर और ग्वालियर बेंच में कुल 14 विधायकों के खिलाफ 16 याचिका दायर की गई. धार विधानसभा सीट से निर्वाचित नीना वर्मा के निर्वाचन को तो लगातार चौथी बार चुनौती दी गई है. एक बार उनकी विधायकी हाईकोर्ट से शून्य भी कर दी गई थी.


बता दें कि इंदौर में इंदौर-उज्जैन संभाग के तीन विधायकों के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की गई है. नीना वर्मा के अलावा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह राहुल, अभय मिश्रा, राजकुमार करहे, अरुण भीमावद, देवेंद्र प्रताप सिंह, चंदा सिंह गौर, नागेंद्र सिंह, भगवान दास सबनानी, प्रदीप लारिया, कंचन तन्वे, सीताशरण शर्मा और आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली कुल 16 चुनाव याचिकाएं दायर हुई हैं.


बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल की थी. तीन दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए गए. इसके बाद उज्जैन से जीतकर आए बीजेपी विधायक मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया था.


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