Petrol Diesel Crisis in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) समेत कई राज्यों में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की आपूर्ति में कमी देखी जा रही है. मध्य प्रदेश में तेल आपूर्ति 50 फीसदी कम किए जाने के बारे में कंपनियां बता रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने 21 मई को केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर एक्साज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क घटा दी थी, जिससे तेल के बढ़ते दामों की रफ्तार थम गई थी और कीमतों में कुछ कमी होने से लोगों को फौरी राहत मिली थी, लेकिन तब से कंपनियों के मुताबिक,  पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने में घाटा हो रहा है. इस वजह से पर्याप्त आपूर्ति प्रभावित हो रही है. 


मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने बताया है कि तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल पंप मालिकों को आठ घंटे तक ही पंप खोलने के लिए कहा जा रहा है. मध्य प्रदेश के अलावा हरियाणा और पंजाब में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के पंपों पर भी पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति में कमी के कारण दिक्कतें शुरू हो गई हैं. रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के पंपों पर उतनी कमी तो नहीं है लेकिन उन पर भी दबाव पड़ना शुरू हो गया है. कंपनियों का दावा है कि वो डीजल पर 23 और पेट्रोल पर 16 रुपये प्रति लीटर का घाटा उठा रही हैं, जिसकी वजह से आपूर्ति प्रभावित हो रही है. 


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मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने मुख्य सचिव और कलेक्टरों से मांग की है कि जितनी खपत है, उसके अमुसार उन्हे तेल की आपूर्ति कराई जाए. एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने यह भी कहा कि  तेल आपूर्ति की कमी वजह से खरीफ फसल की बुआई प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा कि खेतों में ट्रैक्टर से जुताई और बुआई होने के कारण डीजल की खपत चार गुना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि अभी डीजल कम पड़ रहा है तो आने वाले दिनों में किसानों को पर्याप्त तेल कैसे मिलेगा. 


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