सिर्फ 30 रुपये में बस-पास बनाकर महीने भर कॉलेज जा सकेंगे स्टूडेंट्स, MP के इस कॉलेज के लिए सुविधा
MP News: मध्य प्रदेश सरकार कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए बड़ी सौगात देने जा रहा है ,प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सिर्फ 30 रुपये के मासिक पास पर बस सुविधा मिलेगी.
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश सरकार कॉलेज स्टूडेंट्स को बड़ी सौगात देने जा रही है प्रदेश भर में 55 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस (PM College of Excellence) की स्थापना की गई है, जहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सिर्फ 30 रुपये के मासिक पास पर बस सुविधा मिलेगी. जबलपुर में महाकौशल कॉलेज में 1 जुलाई से बस सर्विस की शुरुआत की जाएगी.
उच्च शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर और कॉलेज प्राचार्यों को आदेश जारी कर कहा है कि मौजूदा शिक्षण सत्र से बस सर्विस की शुरुआत की जानी है.बस के रुट और राउंड का निर्धारण भी कलेक्टर को करना है.यह सर्विस कालेज की जनभागीदारी कार्य समिति के तहत दी जाएगी.
मोहन सरकार ने शुरू की 30 रुपये में बस की सुविधा
बता दे कि मध्यप्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने इस वर्ष प्रदेश के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना का निर्णय लिया गया था.राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने के लिए चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त पदों की स्वीकृति भी दी गयी है.
इसके साथ ही आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवाया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक जुलाई से प्रारंभ होने वाले एक्सीलेंस कॉलेज जिले का गौरव होंगे. प्रत्येक पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र भी खुलेगा.
जबलपुर के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस (महाकौशल कालेज) में 2 बस चलाई जाएँगी.इस सेवा को शुरू करने के लिए जनभागीदारी में विद्यार्थियों से प्रतिमाह 30 रुपए का शुल्क लिया जाएगा. खास बात यह है कि यह राशि कॉलेज में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं से अनिवार्य रूप से ली जाएगी. भले ही उन्हें बस की सुविधा का लाभ मिले या नहीं.
महाकौशल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसी तिवारी का कहना है कि शासन के दिशा-निर्देश पर काम शुरू किया जाएगा. इस संबंध में जल्द ही कमिश्नर से मिलकर रूपरेखा तय की जाएगी. साथ ही किन रूटों पर वाहन चलना है इसका भी चयन किया जाएगा. वहीं, जानकारों का कहना है कि कालेज प्रशासन के लिए एक सप्ताह की समय सीमा में भंडार क्रय नियमों के तहत टेंडर निकालना और तमाम तरह की औपचारिकताओं को पूरा कर पाना आसान नहीं होगा.
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