Police Holiday Politics: अब पुलिस के साप्ताहिक अवकाश को लेकर राजनीति, बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
MP POLITICS: पुलिस विभाग में कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. दोनों ही पार्टी श्रेय लेने के साथ-साथ एक दूसरे पर आरोप लगा रही है.
MP Police Holiday Politics: चुनावी साल में राजनीतिक दल शासकीय कर्मचारियों को अपनी और आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. शिवराज सरकार ने पुलिस विभाग के कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा करते हुए उस पर अमल शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे कांग्रेस सरकार की उपलब्धि बताया है.
पुलिसकर्मी के अवकाश पर राजनीति
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने पिछले दिनों पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की थी कि कर्मचारियों को 1 दिन का साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक इस घोषणा के बाद पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी हो गया और पुलिसकर्मी अवकाश पर भी चले गए हैं. इस घोषणा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा है कि जनवरी 2019 में कांग्रेस की मध्य प्रदेश में सरकार बनने के बाद पुलिस विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को यह सौगात दी गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार चली गई और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार आ गई, जिसके बाद अवकाश समाप्त कर दिया गया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अब एक बार फिर शिवराज सरकार ने उनके द्वारा की गई घोषणा पर जो अमल किया है वह स्वागत योग्य है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह शिवराज सरकार की चुनावी चाल है.
15 महीने केवल घोषणा ही करते रहे- गृह मंत्री
नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आरोपों का जवाब देते हुए पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 15 महीने की सरकार में केवल घोषणा ही करते रह गए. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उन्होंने झूठ बुलवा दिया. राहुल गांधी ने 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ. इसी तरह मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ ने केवल घोषणाएं ही की है, उस पर अमल नहीं हो पाया जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा के साथ अमल भी शुरू करवा दिया है.
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