महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम लगाने के लिए ग्वालियर पुलिस ने अनूठी पहल की है. इस पहल के तहत पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल के निर्देश पर जिले के सभी थाना क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में बेटी की पेटी लगवाई गई है. इन पेटियों में छात्राएं अपनी शिकायत लिखकर डाल देती हैं. जिस पर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है. ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है.
पुलिस की पहल 'बेटी की पेटी'
आपको बता दें कि थाना घाटीगांव क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में लगी 'बेटी की पेटी' में शिकायत मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई में देर नहीं की. पुलिस ने स्कूली छात्रा को परेशान करने वाले बस कंडक्टर पर त्वरित कार्रवाई की. ये पेटियां कई दिनों से लगी थीं. गांव की बेटी ने हिम्मत दिखाई और इस पेटी में अपनी शिकायत डाली.इस बेटी को साहस देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण निरंजन शर्मा के मार्गदर्शन में एसडीओपी घाटीगांव संतोष कुमार पटेल ने त्वरित कार्रवाई की. थाना प्रभारी घाटीगांव शैलेंद्र गुर्जर ने घाटीगांव बस स्टैंड पहुंचकर नरवर से ग्वालियर के बीच चलने वाली शीतला बस के कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई की. वह स्कूली छात्रा को परेशान कर रहा था.इसके बाद बस कंडक्टर ने सभी के सामने माफी मांगी और दोबारा कभी किसी को परेशान न करने की कसम खाई.
कंडेक्टर की हरकतों से परेशान भी छात्रा
एएसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि थाना घाटीगांव क्षेत्र के एक स्कूल में पढने वाली स्कूली छात्रा ने शिकायत की थी कि एक बस कंडक्टर उसको बस में आते समय परेशान करता है.गांव से घाटीगांव स्थित स्कूल जाने के लिए बस ही एक सहारा है. बस कंडक्टर की हरकतें उसका जीना हराम किए हुए हैं. जितनी भी देर वह बस में रहती है, कंडक्टर उसे घूरता रहता है, इससे उसे काफी डर लगता है. स्कूल में लगी 'बेटी की पेटी' को जब खोला गया तो उसमें यह शिकायत निकली.चूंकि छात्रा पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं करवाना चाहती थी, इसलिए पुलिस ने अपने स्तर पर बस कंडक्टर के खिलाफ कार्यवाही की.
बस कंडक्टर का निकाला जलूस
स्कूली छात्रा ने अपनी शिकायत में लिखा था कि वह किस गांव से बस में सवार होती है और कहां पर उतरती है, किस बस में सफर करती है और कंडक्टर की डिटेल भी इसमें लिखी थी.उसके बाद पुलिस ने शीतला बस सर्विस की बस को रोका और बस कंडक्टर को बस से नीचे उतारा. जब उससे छात्रा द्वारा की गई शिकायत के संबंध में पूछताछ की गई तो वह माफी मांगने लगा.पुलिस को जब कंफर्म हो गया कि इसी बस में सवार स्कूली छात्रा को बस कंडक्टर परेशान करता था तो उसका जुलूस निकाला. जुलूस में सपेरा बीन बजा रहा था.कंडक्टर कान पकड़े हुए चल रहा था. उसे अहसास हो गया था कि उसकी बुरी नजर का ही उसे यह फल मिल रहा है. पुलिस ने उसके खिलाफ 151 के तहत कार्रवाई की और उसे कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया. जुलूस के दौरान बस कंडक्टर कान पकड़े हुए कह रहा था कि आगे से वह ऐसी गलती नहीं करेगा और यदि उसने फिर कभी ऐसा किया तो उसे जूतों से पीटा जाए और जूतों की माला पहनाई जाए.स्कूली छात्रा ने बस कंडक्टर पर एफआईआर दर्ज करवाने से इनकार कर दिया है.
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