MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के पर्वतारोही रत्नेश पाडे और मेघा परमार के राजनीति में कदम रखने के बाद से ही दोनों जबरदस्त सुर्खियां बटोर रहे हैं. मेघा परमार के कांग्रेस में शामिल होते ही उन्हें शासन ने महिला बाल विकास विभाग और सांची के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया. वहीं अब बीजेपी में शामिल हुए पर्वतारोही कोच रत्नेश पांडे ने परमार को खुली डिबेट का चैलेंज दिया है. 


माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली मध्य प्रदेश की पहली पर्वतारोही मेघा परमार ने नौ मई को छिंदवाड़ा में कांग्रेस की सदस्यता ली थी.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने उन्हें छिंदवाड़ा में कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने नौ मई को ही छिंदवाड़ा से 'नारी सम्मान योजना' का आगाज किया था. इसी कार्यक्रम में पर्वतारोही मेघा परमार ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है. मेघा परमार के राजनीति में आते ही राजनीति उबाल पर आ गई थी. उनके कांग्रेस में जाते ही उन्हें दूसरे दिन यानि 10 मई को ही मप्र शासन के महिला बाल विकास विभाग में बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान के ब्रांड एम्बेसडर पद से हटा दिया गया था, जबकि इसके चंद रोज बाद ही उन्हें सांची के ब्रांड एम्बेसडर पद से हटा दिया था. 


2016-2019 में बने मप्र का गौरव
बता दें मध्य प्रदेश के सतना जिले में रहने वाले रत्नेश पांडे ने साल 2016 में सबसे ऊंची चोंटी माउंट एवरेस्ट को फतह की थी.इसी तरह साल 2019 में मप्र की पहली महिला मेघा परमार ने भी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था.दोनों ही पर्वतारोहियों ने मप्र का गौरव बढ़ाया था.अब दोनों ने ही राजनीति में अपना कदम रख दिया है.सतना के रत्नेश पांडे ने तीन अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है तो वहीं मेघा परमार ने नौ मई को कांग्रेस का दामन थामा है.अब राजनीति में आने के बाद कोच रत्नेश पांडे ने पर्वतारोही मेघा परमार पर निशाना साधा है. 


कोच रत्नेश पांडे ने दिया चैलेंज
पर्वतारोही कोच रत्नेश पांडे ने महिला पर्वतारोही मेघा परमार को झूठी बताया था.मेघा ने एवरेस्ट फतह नहीं किया, वो तो बस महिला कार्ड खेलने में माहिर हैं. कोच रत्नेश पांडे ने मेघा परमार को खुली डिबेट का चैलेंज भी दिया है.रत्नेश पांडे के आरोपों पर पलटवार करते हुए मेघा परमार ने कहा कि बीजेपी सरकार को मेरा कांग्रेस में आना बर्दाश्त नहीं हुआ है, इसलिए उन्होंने मुझे ब्रांड एम्बेसडर पदा से हटा दिया.मैंने पिछले चार साल में लगातार काम करते हुए शिवराज सरकार की नाकामियों को उजागर किया है.उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी कोई पोस्ट नहीं की,ना ही ऐसी कोई खबर फैलाई.मैं पहली बार माउंट एवरेस्ट फतह करने में 700 मीटर रह गई थी,लेकिन दूसरी बार में मुझे सफलता मिल गई थी.


जहां पैदा हुई, वहीं से लड़ूंगी चुनाव
मेघा परमार ने चुनाव लडऩे की बात पर कहा,''मैं जहां पैदा हुई,जिस क्षेत्र में काम कर रही हूं वहीं से चुनाव लड़ूंगी. यह सब पार्टी के आदेश पर ही होगा.मेघा परमार ने बताय कि मेरे क्षेत्र में हालात बहुत दयनीय है.महिलाएं परेशान हैं, महिलाओं का आधा से ज्यादा जीवन तो पानी भरने में ही निकल जाता है.


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