Sehore News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के गृह जिले सीहोर को बीजेपी विधायक (BJP MLA) द्वारा आतंकवादी क्षेत्र कहने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.अब आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) ने विधायक सुदेश राय के बयान पर हमला बोला है.आम आदमी पार्टी ने बीजेपी विधायक से इस बयान पर माफी मांगने की बात कही है. इससे पहले कांग्रेस भी उनसे माफी की मांग कर चुकी है.
क्या मांग की है आम आदमी पार्टी ने
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत पटेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को शहीदों का अपमान करने की आदत सी हो गई है. ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण मिल जाएंगे. अब भारतीय जनता पार्टी के सीहोर विधायक सुदेश राय ने सीहोर की धरती को आतंकवादियों की धरती बतला दिया कि यहां पर आतंकवादी हुआ करते थे.मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं सुदेश राय जी बीजेपी के ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह कहा था कि सीहोर 356 शहीदों की धरती है.356 क्रांतिकारियों ने यहां शहादत दी थी. ये कैसा भारतीय जनता पार्टी का मापदंड है. जब यह सत्ता में होते हैं तो क्रांतिकारियों को आतंकवादी बताते हैं, सीहोर के लोगों का अपमान करते हैं. मैं बीजेपी विधायक से कहना चाहता हूं कि अपने बयान पर माफी मागें.
क्या कहा था बीजेपी विधायक सुदेश राय ने
बीते दिनों सीहोर जिला मुख्यालय पर बीजेपी विधायक सुदेश राय के नेतृत्व में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें राय ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह प्रदेश है. यहां आतंकवाद, अपराध पनपने नहीं दिया जाएगा. बड़े अपराध करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीधे बुलडोजर चलवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा था कि वही आतंकवाद सीहोर में भी था, किसी की हिम्मत नहीं थी कि खड़े होने की. सीहोर शहर भी आतंकवादियों का क्षेत्र कहलाता था. हम नाम नहीं लेंगे, अपना मुंह खराब करने के लिए.नहीं तो पहले एक घर में चार भाई होते थे,तो चारों पर केस दर्ज हो जाते थे.
कांग्रेस भी कर चुकी है निंदा
सुदेश राय के इस बयान की कांग्रेस भी निंदा कर चुकी है. ग्रेस प्रवक्ता सैय्यद हाफीज अब्बास ने एबीपी न्यूज़ से हा था कि मध्य प्रदेश के किसी भी जिले को आतंकवाद का गढ़ बताने के लिए सीहोर विधायक को माफी मांगनी चाहिए.उन्होंने कहा था कि मप्र शांति का टापू रहा है.यदि बीजेपी के विधायक द्वारा सीहोर को आतंकवाद का गढ़ बताया जा रहा है तो यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यकाल पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है.
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