MP Politics over Tomato Price Hike: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति में अब टमाटर को लेकर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. एमपी के ही नहीं बल्कि देश के बड़े कांग्रेस (Congress) नेताओं ने टमाटर के भाव पर सवाल उठा दिए हैं. इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के भोपाल (Bhopal) में हुए भाषण से जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीति में सब्जियों के भाव भी सरकार बदलने में सक्षम है. राजनीति में एक समय था जब प्याज के भाव ने सरकार को बदल दिया था. अब टमाटर को लेकर राजनीति हो रही है. 


मध्य प्रदेश के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में आम सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी (BJP) शासित प्रदेशों में महंगाई कम हुई है, जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में महंगाई आसमान पर थी. उन्होंने पेट्रोल डीजल की कीमतों का उदाहरण देते हुए भी महंगाई को लेकर लोगों को संबोधित किया. अब इस पूरे मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) और कमलनाथ (Kamal Nath) ने भी महंगाई को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. 


1977 से राजनीति पर भारी सब्जियों के दाम
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टमाटर के भाव मध्य प्रदेश में 100 रुपये किलो होने का उदाहरण दिया है. इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस अब दाल के भाव भी बीजेपी सरकार से पूछ रही है. बता दें 1977 से 1980 के बीच इंदिरा गांधी की सरकार प्याज के दाम के कारण हिल गई थी. इसके अलावा 1996 में तत्कालीन बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार प्याज के बढ़ते हुए दाम की वजह से कई स्थानों दिल्ली में सरकार नहीं बचा पाई थी. 


चुनाव आने पर कांग्रेस को याद आते हैं सब्जियों के दाम
मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजनीति का पुराना इतिहास है. जब रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के दाम बेतहाशा बढ़ जाते हैं तो इसका असर सत्ता की राजनीति पर पड़ता है. मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक प्रदेश कृषि प्रधान है. ऐसी स्थिति में किसानों को फसलों के उचित दाम मिलना चाहिए. कभी-कभी आवक और मांग का तालमेल नहीं होने की वजह से सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं.


इसका सीधा असर किसानों के आर्थिक स्थिति पर पड़ता है किसानों को अच्छे दाम मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती है, लेकिन कांग्रेस को हर बात में दिक्कत है. कांग्रेस के कार्यकाल लोगों ने सब्जियों को सड़कों पर फैंकते हुए देखा गया है.


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