भोपाल: हे भगवान यह रात कब बीतेगी.यह वाक्य इस कडक़ड़ाती ठंड में राजधानी भोपाल में सडक़ किनारे सार्वजनिक स्थलों और फुटपाथ पर सोने वालों के मुंह से रोज निकलता है. कहने को राजधानी में 17 रैन बसेरे हैं.लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इनका लाभ नहीं उठा पाते हैं.सिस्टम की लापरवाही ऐसे में किसी दिन भारी पड़ सकती है. वहीं देखने में यह आया है कि भोपाल नगर निगम की ओर से हर साल लोगों को रैन बसेरों तक ले जाने के लिए जो गाड़ियां चलाई जाती थीं, वो अब तक नहीं चलाई गई हैं.


बता दें कि राजधानी भोपाल में सर्दी अपने तेवर दिखा रही है. इस कड़कड़ाती सर्दी में प्रतिदिन सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों के साथ रात गुजारने के लिए मजबूर हो रहे हैं.राजधानी की फिजाओं में ठंडक पूरी तरह से घुल गई है.न्यूनतम तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है.मंगलवार को अधिकतम तापमान 23.8 और न्यूनतम  तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं सोमवार को अधिकतम तापमान 23 और न्यूनतम 11.6 डिग्री दर्ज किया गया था. मौसम विभाग का अनुमान है कि सर्दी का यह असर दो-तीन दिन ही रहेगा.तीन दिन बाद तापमान में फिर बढ़ोतरी होगी. 


भोपाल में इन स्थानों पर रैन बसेरा


राजधानी भोपाल में 17 स्थानों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं. जिनमें यादगारे शाहजानी पार्क के पास-2 रैन बसेरे, पुराने सुल्तानिया अस्पताल में अंदर एक, हमीदिया अस्पताल परिसर दो रैन बसेरा, जवाहरलाल नेहरु कैंसर अस्पताल ईदगाह हिल्स एक, टीबी अस्पताल ईदगाह हिल्स पर एक, न्यू मार्केट में एक, डीआईजी बंगला रैन बसेरा एक, पुतलीघर बस स्टैंड पर एक, नादरा बस स्टैंड पर एक, हलालपुरा बस स्टैंड पर एक, एमपी नगर जोन दो में एक, आइएसबीटी स्टैंड पर एक, ट्रांसपोर्ट नगर कोकता पर एक,भोपाल रेलवे स्टेशन चांदबड़ पर एक है.


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