Gwalior News: बच्चों को हष्ट पुष्ट पोषित करने के लिए सरकारी स्कूल में मिड डे मील योजना के माध्यम से उन्हें पौष्टिक भोजन परोसा जाने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि कई स्कूलों में परोसा जाने वाला यह भोजन पौष्टिक भरा नहीं होता है. इसकी बानगी एक दिन पहले ही ग्वालियर में सामने आई. जब मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक स्कूल में मिड डे भोजन खाया तो सब्जी की पूरी बाल्टी में आलू नहीं मिला तो दाल भी पतली थी.


दरअसल, प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तोमर ग्वालियर क्षेत्र के दौरे पर थे. इस दौरान वह डीआरपी लाइन स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंचे. जब मंत्री तोमर पहुंचे, तब बच्चे खाना खा रहे थे. मंत्री ने कहा कि उन्हें भी भूख लग रही है, कोई खाना परोसेगा. यह कहते हुए मंत्री भी टाट पट्टी पर बैठ गस.

दाल के साथ परोसी आलू की सब्जी
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आने की सूचना मिलते ही स्कूल प्राचार्य अशोक दीक्षित भी उनके पास पहुंचे. मंत्री तोमर खाना खाने बैठे इस दौरान उन्हें थाली में दाल, रोटी के साथ आलू की सब्जी परोसी गई. लेकिन विडम्बना यह थी कि मंडली की थाली में जो दाल आई वह बिल्कुल पतली थी साथ ही आलू की सब्जी से आलू गायब थे.

मंत्री ने खुद चलाया चमचा
मंत्री तोमर को खाना परोस रही बाई के हाथ से मंत्री तोमर ने बाल्टी और चमचा लिया और वह स्वयं बाल्टी में आलू तलाश करने लगे. इस दौरान पूरी बाल्टी में एक भी आलू नजर नहीं आया. जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और पूछा कि खाना कहां से आता है, इसकी मॉनिटरिंग कौन करता है. किस समूह द्वारा खाना सप्लाई किया जा रहा है. जिस पर प्रिंसिपल ने बताया कि खाना समूह द्वारा सप्लाई किया जाता है और मिड डे मील की जवाबदेही जिला पंचायत की है. मंत्री तोमर ने सीईओ से बात की और महज आधी रोटी खाकर चले गए.

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